जम्मू-कश्मीर चुनाव में शुरू हुई बुलडोजर की चर्चा, उमर अब्दुल्ला बोले- जिस तरह से यूपी में मुसलमानों के घरों...
उमर अब्दुल्ला ने आरोप लगाया जा रहा है कि हर बार बीजेपी के आदेश पर मुसलमानों को बदनाम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में, जब भी बीजेपी सत्ता में होती है, हमारी माताओं और बहनों को स्कूलों और विश्वविद्यालयों में जाने के लिए हिजाब हटाने के लिए कहा जाता है।
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव हो रहे है। इन सब के बीच जम्मू-कश्मीर चुनाव बुलडोजर की चर्चा शुरू हो गई है। जेकेएनसी के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने गांदरबल में लोगों को संबोधित किया। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जिस तरह से यूपी में मुसलमानों के घरों और दुकानों पर बुलडोजर की कार्रवाई हो रही है, परसों सुप्रीम कोर्ट ने उसका निरीक्षण किया और बताया कि यह गैरकानूनी है। उन्होंने कहा कि यूपी में जिस तरह से मस्जिदें और मदरसे बंद किये जा रहे हैं, वो तथ्य हमसे छुपे नहीं हैं।
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उमर अब्दुल्ला ने आरोप लगाया जा रहा है कि हर बार बीजेपी के आदेश पर मुसलमानों को बदनाम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में, जब भी बीजेपी सत्ता में होती है, हमारी माताओं और बहनों को स्कूलों और विश्वविद्यालयों में जाने के लिए हिजाब हटाने के लिए कहा जाता है। हमें जम्मू-कश्मीर को उन शक्तियों से बचाने की जरूरत है जो यहां वैसी ही स्थिति पैदा करना चाहते हैं। उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को दावा किया कि भाजपा शासित केंद्र सरकार उन्हें चुप कराने के प्रयास के तहत जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में उनके खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार उतार रही है।
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उमर ने कहा, “मुझे हमेशा से पता था कि दिल्ली किसी तरह से मुझे चुप कराना चाहेगी, लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि वे इस हद तक जाएंगे। बारामूला (लोकसभा चुनाव) में, जब एक व्यक्ति (शेख अब्दुल रशीद) जेल में रहते हुए नामांकन दाखिल करने के बाद मेरे खिलाफ चुनाव में खड़ा हुआ, तो उसने जेल से अपना संदेश रिकॉर्ड किया और भावनाओं के आधार पर वोट मांगे। उसने मुझे चुनाव में हरा दिया।” अब्दुल्ला ने गांदरबल विधानसभा क्षेत्र में चुनावी रैलियों में कहा, “मैं इसे चिंताजनक नहीं मानता।” अब्दुल्ला इसी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके उमर ने कहा कि बारामूला लोकसभा सीट के नतीजों के बाद उन्हें लगा कि किस्मत रशीद के पक्ष में थी और “यह मेरी बदकिस्मती थी।”
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