बिहार में अन्य राज्यों से आने वाले प्रवासी मजदूरों के लिए आपदा राहत केन्द्र स्थापित

Nitish

मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य राज्यों में जो बिहार के लोग फंसे हुये हैं, उनके लिये बिहार भवन में जारी हेल्पलाइन नंबर से लोगों की मदद की जा रही है। उन्होंने मुख्य सचिव एवं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव को निर्देश दिया कि राज्य स्तर पर स्थापित नियंत्रण कक्ष को और मजबूत करते हुये इसकी सघन निगरानी की जाए।

पटना। बिहार में अन्य राज्यों से आने वाले प्रवासी मजदूरों का पहुंचना शुरू हो गया जिनके आवासन, भोजन और चिकित्सकीय जांच के लिए राज्य सरकार ने सीमावर्ती जिलों में सीमा आपदा राहत केंद्र स्थापित किए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव एवं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव को निर्देश दिया है कि अन्य राज्यों में लाकडाउन में फंसे बिहार के लोगों को राहत पहुंचाने के लिये संपूर्ण उपाय किये जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य राज्यों में जो बिहार के लोग फंसे हुये हैं, उनके लिये बिहार भवन में जारी हेल्पलाइन नंबर से लोगों की मदद की जा रही है। उन्होंने मुख्य सचिव एवं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव को निर्देश दिया कि राज्य स्तर पर स्थापित नियंत्रण कक्ष को और मजबूत करते हुये इसकी सघन निगरानी की जाए।

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मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि अन्य राज्यों में बंद में फंसे बिहार के लोगों के संबंध में संबंधित राज्य सरकार जिला प्रशासन से सम्पर्क स्थापित कर सूचना देने वाले अथवा शिकायतकर्ता से उनके आवासन—भोजन की समुचित व्यवस्था के संबंध में फीडबैक लें। मुख्यमंत्री ने सभी राज्यों के लिये अलग-अलग पदाधिकारियों को जिम्मेदारी देने के लिए भी निर्देश दिया और कहा कि उनके माध्यम से भी इसका सघन निगरानी करायी जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार कोरोना संक्रमण से निपटने के लिये आवश्यक कदम उठा रही है लेकिन इस बीमारी की गंभीरता को देखते हुये प्रत्येक व्यक्ति का सचेत रहना नितांत आवश्यक है। नीतीश ने कहा कि लोग अपने घर के अंदर रहें, अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें। मुझे पूरा विश्वास है किसभी के सहयोग सेमिलकर इस चुनौती का सफलतापर्वूक सामना करने में सक्षम होंगे। आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक राज्य के बाहर से आ रहे लोगों के लिये सीमावर्तीजिलों में राज्य सरकार के द्वारा सीमा आपदा राहत केन्द्र संचालित किये गये हैं, जहाँ इनके रहने, भोजन एवं स्वास्थ्य जाँच आदि की व्यवस्था की गयी है। स्वास्थ्य जाँच के बाद बाहर से आये लोगों को बसों के माध्यम से उनके गाँव से संबंधित जिला मुख्यालय तक पहुँचाया जाएगा, जहाँ से सरकारी वाहन के द्वारा इन्हें उनके गाँव के स्कूलों तक ले जाया जाएगा एवं पृथक 14 दिनों तक रखा जाएगा।

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अबतक 25000 से अधिक लोगों को उनके गाँव के विद्यालय तक पहंुचा दिया गया है, जहाँ उन्हें पृथक 14 दिनों तक रखा जायेगा। मुख्यमंत्री के निर्देश के आलोक में राज्य के सभी सीमावर्ती जिलों यथा- पश्चिमी चम्पारण, पूर्वी चम्पारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, बांका, जमुई, नवादा, गया, औरंगाबाद, भोजपुर, कैमूर, बक्सर, छपरा, सीवान एवं गोपालगंज के जिलाधिकारियों को त्वरित कार्रवाई का आदेश दिया गया था।

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