गोला गोकर्णनाथ उपचुनाव में बीजेपी और सपा के बीच सीधी टक्क
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस के अपने-अपने उम्मीदवार नहीं उतारने के बाद लखीमपुर खीरी जिले की गोला गोकर्णनाथ विधानसभा सीट के उपचुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच सीधी टक्कर नजर आ रही है।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस के अपने-अपने उम्मीदवार नहीं उतारने के बाद लखीमपुर खीरी जिले की गोला गोकर्णनाथ विधानसभा सीट के उपचुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच सीधी टक्कर नजर आ रही है। उत्तर प्रदेश विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन के बाद 2012 में अस्तित्व में आयी गोला गोकर्णनाथ सीट छह सितंबर को भाजपा विधायक अरविंद गिरि के निधन के कारण रिक्त हुई है।
इस सीट पर उपचुनाव के तहत तीन नवंबर को मतदान होगा जबकि परिणाम छह नवम्बर को घोषित किया जाएगा। इस निर्वाचन क्षेत्र में 3.90 लाख से अधिक मतदाता हैं जिन्हें सात उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करना है। इस उपचुनाव में बसपा और कांग्रेस ने अपने-अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं। लिहाजा अब यहां मुख्य मुकाबला दिवंगत विधायक अरविंद गिरि के बेटे भाजपा प्रत्याशी अमन गिरि और इसी सीट से विधायक रहे सपा प्रत्याशी विनय तिवारी के बीच है।
अपने मौजूदा विधायक अरविंद गिरि के निधन के बाद सहानुभूति की लहर के बावजूद भाजपा ने इस उपचुनाव को काफी गंभीरता से लिया है और प्रदेश के सभी प्रमुख कैबिनेट मंत्रियों और पार्टी पदाधिकारियों सहित अपने 40 स्टार प्रचारकों को मैदान में उतारा है। सोमवार को चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों को डबल-इंजन सरकार के लाभ याद दिलाये और अमन गिरि के पक्ष में वोट मांगे।
उन्होंने लोगों से अमन गिरि को भारी अंतर से चुनने का आग्रह किया ताकि उनके पिता अरविंद गिरि की विरासत को आगे बढ़ाया जा सके। सपा ने भी अपने प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम, राष्ट्रीय महासचिव रवि प्रकाश वर्मा, पूर्व मंत्रियों और पार्टी के अन्य पदाधिकारियों सहित अपने 39 प्रचारकों को भेजा है, जो अपने पक्ष में मतदाताओं को लुभाने के लिए घर-घर जाकर प्रचार कर रहे हैं। हालांकि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उपचुनाव के लिए प्रचार नहीं किया।
सपा उम्मीदवार तिवारी ने इससे पहले 2012 में गोला गोकर्णनाथ निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था। तब तत्कालीन हैदराबाद निर्वाचन क्षेत्र को समाप्त करने के बाद गोला निर्वाचन क्षेत्र का गठन किया गया था। वर्ष 2012 से पहले, खीरी जिले में सात विधानसभा क्षेत्र मोहम्मदी, हैदराबाद, पैला, लखीमपुर, श्रीनगर, निघासन और धौरहरा थे। हालांकि 2012 में परिसीमन के बाद मोहम्मदी, लखीमपुर, श्रीनगर, निघासन और धौरहरा सीटों को बरकरार रखा गया था जबकि तीन नए निर्वाचन क्षेत्रों-कस्ता, पलिया और गोला गोकर्णनाथ को जोड़ा गया था।
इस तरह खीरी जिले में अब आठ विधानसभा सीटें हैं। वर्ष 2012 में गोला गोकर्णनाथ निर्वाचन क्षेत्र में पहले विधानसभा चुनाव के दौरान तिवारी ने इस निर्वाचन क्षेत्र से पहले विधायक होने का श्रेय हासिल किया। इस चुनाव में तिवारी ने अपनी करीबी प्रतिद्वंद्वी बसपा की सिम्मी बानो को 19329 मतों के अंतर से हराया था। अरविंद गिरि ने तब कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था और वह तीसरे स्थान पर रहे थे। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान अरविंद गिरि भाजपा में शामिल हो गए और मोदी-लहर और अपने जमीनी समर्थन के बल पर उन्होंने सपा उम्मीदवार विनय तिवारी को 55017 मतों के प्रचंड अंतर से सीट जीती।
गोला गोकर्णनाथ निर्वाचन क्षेत्र में पिछले 2022 के चुनाव में भाजपा ने सीट बरकरार रखी और अरविंद गिरि ने फिर से जीत हासिल की थी। इस क्षेत्र में चुनाव के दौरान गन्ना बकाया, फसल खरीद, बाढ़ आदि सहित किसानों से संबंधित मुद्दे प्रमुख हैं। धान की फसल खराब होने को लेकर अरविंद गिरि कुछ साल पहले कलेक्ट्रेट में धरने पर बैठ गए थे। योगी आदित्यनाथ ने उपचुनाव प्रचार के दौरान सोमवार को गन्ना किसानों को आश्वासन दिया कि नया पेराई सत्र शुरू होने से पहले उनका गन्ना बकाया चुका दिया जाएगा और सरकार भुगतान न करने के मामले में चूककर्ता चीनी इकाई प्रबंधकों को सलाखों के पीछे डालने में संकोच नहीं करेगी।
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