दिग्विजय के अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं बयान पर वन मंत्री ने दिया ये जवाब
दिग्विजय सिंह ने कहा कि पिछले चार-पांच दिन से चले आ रहे घटनाक्रम की शुरुआत उस वक्त हुई जब उन्होंने बीजेपी के आईटी अध्यक्ष ध्रुव सक्सेना और बजरंगदल के बलराम सिंह जो की आईएसआई से पैसा लेते पकड़े गए थे।
भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को लेकर कमलनाथ सरकार के मंत्री उमंग सिंघार के बयानों पर मचे घमासान के बीच विधायकों और कार्यकर्ताओं के मोर्चा खोल दिया। जिसके बाद हालत आउट ऑफ कंट्रोल होते नज़र आ रहे हैं। इसी बीच दिग्विजय सिंह ने वन मंत्री से चले आ रहे विवाद के बाद अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि पार्टी में अनुशासनहीनता बर्दास्त नहीं की जाएगी वो कोई भी हो कितना भी बड़ा व्यक्ति क्यों न हो।
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दिग्विजय सिंह ने कहा कि पिछले चार-पांच दिन से चले आ रहे घटनाक्रम की शुरुआत उस वक्त हुई जब उन्होंने बीजेपी के आईटी अध्यक्ष ध्रुव सक्सेना और बजरंगदल के बलराम सिंह जो की आईएसआई से पैसा लेते पकड़े गए थे। 2017 में एसटीएफ ने इन्हें पकड़ा था, लेकिन तत्कालीन सरकार ने ना ही इन पर नेशलन सिक्योरटी एक्ट लगाया और ना ही इनकी जमानत के खिलाफ पैरवी की और जब जमानत हो गई तो ना ही इसके खिलाफ अपील की।
उन्होंने आगे कहा कि मेरी लड़ाई बुनियादी तौर पर वो है जिसके बाद यह घटनाक्रम चालू हुआ जिसकी वजह से भारतीय जनता पार्टी को अवसर मिल गया। मैं अब यह पूरा प्रकरण कमलनाथ और सोनिया गांधी पर छोड़ता हूँ। हर पार्टी में अनुशासन होना चाहिए। अनुशासनहीनता कोई भी करे चाहे कितना भी बड़ा व्यक्ति क्यों ना हो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं मंत्री उमंग सिंगार के बंगले पर उनका इंतजार करने वाले सवाल पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि मुझे डायबिटीज नहीं है, मैं कड़वी चाय नहीं पीता।
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तो दूसरी और मंत्री उमंग सिंगार ने दिग्विजय सिंह की प्रेस वार्ता के बाद एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा कि मेरा यह सुझाव है कि सभी को अनुशासन में रहना चाहिए। जबकि सिंह के खिलाफ दिए गए बयानों को लेकर उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा कि इस बारे में उन्होंने अपनी बात मुख्यमंत्री कमलनाथ के सामने रख दी हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो कांग्रेस में मंत्री उमंग सिंघार और दिग्विजय सिंह के बीच मची आपसी तनातनी में विपक्ष को मुद्दा हाथ लग गया है। जिसकी चर्चा दिग्विजय सिंह ने अपनी प्रेस वार्ता के दौरान भी की।
मेरा यह सुझाव है कि सभी को अनुशासन में रहना चाहिए।
— Umang Singhar (@UmangSinghar) September 6, 2019
जबकि पार्टी नेताओं और विधायकों द्वारा की जा रही अनुशासनहीनता को लेकर भी दिग्विजय सिंह ने प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री कमलनाथ तथा राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के फैसले पर छोड़ दिया है। दिग्विजय सिंह ने यह भी कहा कि उनकी 50 साल की राजनीति में इस तरह के आरोप उन पर लगते रहे हैं जिसका उन्होंने हमेशा डटकर मुकाबला किया है। तो मंत्री उमंग सिंघार के ट्वीट के बाद यह साफ हो गया है कि मध्यप्रदेश कांग्रेस में चल रहा घमासान आसानी से शांत होने वाला नहीं है।
Congress leader Digvijaya Singh: The entire saga started when BJP IT cell member Dhurv Saxena&Bajarang Dal's Balram Singh were caught taking money from ISI in 2017 by STF but the then Madhya Pradesh govt neither charged them with NSA nor took any strict action against them. pic.twitter.com/VoEaX9GZZk
— ANI (@ANI) September 6, 2019
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