कांग्रेस ने भोपाल पंचायत चुनाव में ‘अनियमितता’ का आरोप लगाया : पुलिस से बहस करते दिखे दिग्विजय
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल जनपद पंचायत के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान शुक्रवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और अन्य की पुलिस से तीखी बहस हो गई। इसके साथ ही कांग्रेस ने चुनाव में ‘‘घोर अनियमितताओं’’ का आरोप लगाया है। बाद में उन्होंने दावा किया कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक रामेश्वर शर्मा को परिसर में प्रवेश करने से रोकने की कोशिश कर रहे थे।
भोपाल, 30 जुलाई । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल जनपद पंचायत के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान शुक्रवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और अन्य की पुलिस से तीखी बहस हो गई। इसके साथ ही कांग्रेस ने चुनाव में ‘‘घोर अनियमितताओं’’ का आरोप लगाया है। एक वायरल वीडियो में भोपाल में जिला पंचायत कार्यालय के परिसर में एक महिला मतदाता को प्रवेश करने से रोकने की मांग करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पुलिस कर्मियों से तीखी बहस करते दिखाई दे रहे हैं।
बाद में उन्होंने दावा किया कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक रामेश्वर शर्मा को परिसर में प्रवेश करने से रोकने की कोशिश कर रहे थे। महिला मतदाता के साथ भाजपा के विधायक रामेश्वर शर्मा और शहरी विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह भी थे। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि महिला कांग्रेस समर्थक थी, लेकिन भाजपा नेताओं ने उस पर दबाव डाला। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंह के व्यवहार की निंदा की है। वहीं, दिग्विजय ने कहा, ‘‘पुलिस धक्का देने की कोशिश कर रही थी जिसे मैं रोकने की कोशिश कर रहा था और जैसा कि मुख्यमंत्री चौहान ने आरोप लगाया मैंने किसी पुलिसकर्मी का कॉलर नहीं पकड़ा।’’
चौहान ने आरोप लगाया कि उन्होंने (सिंह) कलेक्टर कार्यालय के दरवाजे को धक्का दिया, लेकिन सिंह ने कहा कि वह दिन में कभी भी कलेक्टर कार्यालय नहीं गए। दिग्विजय सिंह (75) और एक पुलिसकर्मी को एक-दूसरे को धक्का देते देखा गया। इस दौरान वहां पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेश पचौरी, कांग्रेस के विधायक पीसी शर्मा और आरिफ मसूद भी मौजूद थे। बाद में, कांग्रेस नेताओं ने राज्य निर्वाचन आयोग को दिए एक ज्ञापन में आरोप लगाया कि जिला पंचायत चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा, स्थानीय प्रशासन और पुलिस द्वारा घोर अनियमितताएं की गईं हैं।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि जिला पंचायत सदस्यों को पुलिस सुरक्षा में सरकारी वाहन से मुख्यमंत्री चौहान के आवास और बाद में मतदान केंद्र ले जाया गया। इन मतदाताओं के साथ मंत्री भूपेंद्र सिंह और विश्वास सारंग भी थे और यह चुनाव में धांधली करने का प्रयास था। कांग्रेस ने ज्ञापन में यह भी आरोप लगाया कि नियमों का उल्लंघन कर जिला पंचायत सदस्यों के स्थान पर ‘‘ टेंडर वोट’’ (मतदाता के प्रतिनिधि द्वारा वोट करना) डाले गए।
ज्ञापन में कहा गया कि बार-बार शिकायत के बावजूद अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई इसलिए कांग्रेस की मांग है की कि भोपाल जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव को रद्द किया जाना चाहिए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने आरोप लगाया कि भाजपा ने घोर अनियमितताओं में लिप्त होकर जिला पंचायत अध्यक्ष का पद जीता है। मुख्यमंत्री चौहान ने पलटवार करते हुए कहा कि पुलिसकर्मी के साथ दिग्विजय का व्यवहार पूर्व मुख्यमंत्री के कद के अनुरूप नहीं था। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के ‘‘अहंकारी कृत्य’ इस तथ्य का प्रतिबिंब हैं कि कांग्रेस अपना आधार खो रही है।
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