क्या कम दिनों में खत्म हुईं चन्नी सरकार की मुश्किलें ? रिपोर्ट कार्ड के साथ चुनावों में उतरी कांग्रेस

Charanjit Singh Channi
प्रतिरूप फोटो

कांग्रेस चुनाव में पंजाब सरकार के रिपोर्ट कार्ड के साथ लोगों के बीच जा रही है। हालांकि पार्टी ने मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित तो नहीं किया लेकिन चेहरे को लेकर एक संकेत जरूर दिया है। हाल ही में कांग्रेस ने एक वीडियो जारी किया था जिसमें चन्नी लोकलुभाव वादों के साथ लोगों के बीच मे नजर आ रहे हैं।

जलंधर। पंजाब समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा आसमान छू रहा है। राजनीतिक दल अपनी-अपनी रणनीतियों के साथ जनता के बीच में वर्चुअल माध्यमों से पहुंच बना रहे हैं। इसी बीच कांग्रेस पिछले 5 सालों में किए गए अपनी सरकार के कार्यों और पंजाब को लेकर अपने नए विजन के साथ सत्ता को बरकरार रखने की भरपूर कोशिश कर रही है। ऐसे में हम आपको कांग्रेस सरकार द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी देंगे। 

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साल 2017 में कांग्रेस ने अमरिंदर सिंह के चेहरे पर विधानसभा चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज करने के बाद अमरिंदर सिंह की ताजपोशी की गई। लेकिन पार्टी में आंतरिक मतभेदों के चलते अमरिंदर सिंह ने इस्तीफा दे दिया और फिर चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया गया। कुछ वक्त पहले उन्होंने अपनी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर रिपोर्ट कार्ड पेश किया था। विपक्ष के आरोपों का सामना करने वाल चन्नी ने बड़ी सफाई के साथ अपनी बात रखी और उल्टा विपक्ष को ही निशाने पर ले लिया था।

रिपोर्ट कार्ड:-

  • प्रदेश सरकार ने स्कूलों के मध्याह्न भोजनकर्मियों के वेतन को 200 रुपए से बढ़ाकर 3000 रुपए कर दिया है। इस निर्णय से लगभग 46,000 श्रमिकों को लाभ पहुंचा है। 21,418 आशा कार्यकर्ताओं को महज कमीशन मिलता था और उनका कोई निश्चित वेतन नहीं था। ऐसे में प्रदेश सरकार ने उनका वेतन 2500 रुपए प्रतिमाह करने का निर्णय लिया।
  • रेत और बजरी की कीमत 9 रुपए प्रति घन फीट से कम करके 5.5 रुपए प्रति घन फीट कर दिया गया। जिसको लेकर 10 नवंबर 2021 में नोटिफिकेशन जारी हुई थी। प्रदेश सरकार ने सामान्य श्रेणी के लिए आयोग का गठन किया।
  • घरों, राजा सांसी, दोरांगला को उप तहसील बनाया गया।
  • कॉलेज और विश्वविद्यालयों के छात्र सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा कर सकते हैं। पास जारी होने तक उन्हें यह लाभ उनके महाविद्यालयों/विश्वविद्यालयों के पहचान पत्रों पर मिलेगा।
  • सामुदायिक केंद्रों, पीएचसी को अपग्रेड किया गया।
  • चमकौर साहिब में थीम पार्क और दास्तान-ए-शहादत का निर्माण किया गया।
  • किसानों और मजदूरों को राहत देते हुए सरकार ने 2 लाख रुपए तक के कर्ज माफ किए।
  • मलेरकोटला में हज हाउस की स्थापना की जाएगी।
  • बिजली की दरों में कटौती की। एक नवंबर से सात केबी के लोड पर बिजली तीन रुपए सस्ती हुई। मुख्यमंत्री चन्नी का मानना है कि महज पंजाब में बिजली सबसे सस्ती है। इसके अलावा 2 किलोवाट लोड तक के बकाया को माफ किया गया। जिससे लगभग 20 लाख परिवारों को 1,500 करोड़ रुपये की राहत मिली है।
  • प्रदेशवासियों को नौकरियों में प्राथमिकता मिले, इसके लिए कानून लाया जाएगा। सरकार ने दावा किया कि अकालियों के कार्यकाल के दौरान पैदा हुए वित्तीय संकट के बावजूद हमने अर्थव्यवस्था को पुर्नजीवित किया और करीब 12 लाख नौजवानों को नौकरियों की सुविधा दी।
  • सरकार लगातार दावा कर रही है कि बॉर्डर पास से होने वाली विभिन्न प्रकार की तस्करियों पर लगाम लगाने में कामयाबी हासिल की है। समय-समय पर सरकार इस तरह के और भी दावे करती रहती है।

प्रकाश सिंह बादल सरकार

पंजाब में हमेशा सत्ता दो दलों के इर्द-गिर्द ही घूमती हुई दिखाई दी थी। साल 2007 से 2017 तक शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने सत्ता संभाली थी। लेकिन एंटी इनकंबेंसी के चलते 2017 में सत्ता गंवा दी और अमरिंदर सिंह की ताजपोशी हुई। उस वक्त बेअदबी मामला, ड्रग्स और किसानों की कर्जमाफी का मुद्दा काफी अहम था। जिसे कांग्रेस ने भाप लिया था और अमरिंदर सिंह ने पहले ही किसानों से वादा कर दिया कि अगर सरकार बनी को कर्जमाफी होगी और बेअदबी के मामले में कार्रवाई की जाएगी। एंटी इनकंबेंसी के चलते प्रकाश सिंह बादल के हाथों से सत्ता छिन गई और कांग्रेस सरकार ने कर्जमाफी भी की और बेअदबी मामले को लेकर एक कानून बनाने का प्रयास भी किया। हालांकि कोशिश तो प्रकाश सिंह बादल सरकार ने भी की थी लेकिन केंद्र सरकार ने ऐसे कानूनों को मान्यता देने से इनकार कर दिया था।

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने पंजाब सरकार के रिपोर्ट कार्ड के साथ लोगों के बीच जाने का फैसला किया है। हालांकि पार्टी ने मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित तो नहीं किया लेकिन मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर एक संकेत जरूर दिया है। हाल ही में कांग्रेस ने एक वीडियो जारी किया था जिसमें चन्नी लोकलुभाव वादों के साथ लोगों के बीच मे नजर आ रहे हैं। वीडियो ऐसे समय में आया जब पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा था कि जनता तय करेगी मुख्यमंत्री कौन होगा। 

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कांग्रेस को अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए दूसरे दलों की रणनीति से पार पाना होना। वो भी तब जब अमरिंदर सिंह उनके साथ नहीं हैं। क्योंकि उन्होंने पंजाब लोक कांग्रेस नामक पार्टी का गठन कर भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की रणनीति बनाई है और कांग्रेस के कई नेताओं को अपने पाले में कर लिया है। इसके अतिरिक्त शिरोमणि अकाली दल सत्ता में वापसी की हरमुमकिन कोशिश कर रही है। इसके अलावा कई तरह के सर्वे भी सामने आए जिसमें आम आदमी पार्टी की बढ़ती हुई लोकप्रियता को भी दर्शाया गया।

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