देश का लोकतंत्र ‘खतरे’ में है और यह ‘समाप्त’ हो जाएगा: राकांपा
मलिक ने भाजपा नीत सरकार पर ईडी के दुरुपयोग का आरोप लगाया। एक अन्य राकांपा नेता धनंजय मुंडे ने मलिक का समर्थन करते हुए भाजपा पर ‘‘सत्ता के नशे में चूर’’ होने और अपने राजनीतिक विरोधियों की आवाज दबाने का आरोप लगाया। महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता मुंडे ने कहा, ‘‘यह (पवार के खिलाफ मामला) इसी प्रकार के (आवाज दबाने के) फैसलों में से एक है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लोकतंत्र खतरे में है।
मुंबई। राकांपा नेताओं ने अपने पार्टी प्रमुख शरद पवार के खिलाफ ईडी के मामले को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए शुक्रवार को कहा कि देश का लोकतंत्र ‘‘खतरे’’ में है और यह ‘‘समाप्त’’ हो जाएगा। राकांपा की सहयोगी कांग्रेस ने भी मोदी सरकार की निंदा की और उस पर महाराष्ट्र में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पवार को निशाना बनाने का आरोप लगाया है। राकांपा ने कहा कि पवार का कथित घोटाले से कोई लेना देना नहीं है। पार्टी ने आरोप लगाया कि ईडी की जिस प्रेस विज्ञप्ति में मामले के संबंध में पवार का नाम शामिल है, उसे सत्तारूढ भाजपा के कार्यालय में तैयार किया गया था। राकांपा के प्रमुख प्रवक्ता नवाब मलिक ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ऐसा प्रतीत होता है कि प्रेस नोट भाजपा के कार्यालय से जारी किया गया। हम चुनाव से पहले पार्टी और उसके नेताओं की छवि खराब करने की चालबाजी को सहन नहीं करेंगे। हम हालात का सामना करने के लिए तैयार हैं।’’
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मलिक ने भाजपा नीत सरकार पर ईडी के दुरुपयोग का आरोप लगाया। एक अन्य राकांपा नेता धनंजय मुंडे ने मलिक का समर्थन करते हुए भाजपा पर ‘‘सत्ता के नशे में चूर’’ होने और अपने राजनीतिक विरोधियों की आवाज दबाने का आरोप लगाया। महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता मुंडे ने कहा, ‘‘यह (पवार के खिलाफ मामला) इसी प्रकार के (आवाज दबाने के) फैसलों में से एक है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लोकतंत्र खतरे में है। यदि चीजें ऐसे ही चलती रहीं तो कुछ दिनों में लोकतंत्र समाप्त हो जाएगा।’’ महाराष्ट्र राकांपा अध्यक्ष जयंत पाटिल ने भी सरकार पर पार्टी कार्यकर्ताओं की आवाज दबाने का आरोप लगाया। इस बीच, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि प्रतिशोध के तहत कारवाई करने वाली सरकार पवार को महाराष्ट्र चुनाव से पहले निशाना बना रही है।
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गांधी ने ट्वीट कर कहा, शरद पवार जी प्रतिशोध वाली सरकार का ताजा निशाना बने हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई महाराष्ट्र में चुनाव से एक महीने पहले की जा रही है। इससे अवसरवाद की बू आती है। पवार ने उनके खिलाफ धनशोधन का मामला दर्ज होने के बाद शुक्रवार को ईडी के दफ्तर जाने की घोषणा की थी जबकि एजेंसी ने उन्हें समन जारी नहीं किया है। हालांकि एजेंसी ने उन्हें दिये जवाब में कहा कि शुक्रवार को उनके आने की जरूरत नहीं है और उन्हें जरूरत पड़ने पर बुलाया जाएगा। इसके बाद पवार ने ईडी दफ्तर जाने का कार्यक्रम छोड़ दिया। इससे पहले राकांपा नेताओं ने आरोप लगाया कि पवार के ईडी दफ्तर जाने से पहले उनकी पार्टी के नेताओं को हिरासत में लिया जा रहा है।
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