दिल्ली के LG का बयान, झूठा है आप विधायकों का आरोप, करेंगे कानूनी कार्रवाई
एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली के उपराज्यपाल अपने खिलाफ भ्रष्टाचार के ‘झूठे’ आरोपों के लिए आम आदमी पार्टी नेता आतिशी और सौरभ भारद्वाज समेत चार पार्टी नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी और उपराज्यपाल के बीच टकराव एक बार फिर से जारी है। आम आदमी पार्टी के विधायकों ने उपराज्यपाल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। अब उपराज्यपाल की ओर से इस पर पलटवार किया गया है। उपराज्यपाल की ओर से साफ तौर पर कहा गया है कि आम आदमी पार्टी के विधायकों ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं, वह पूरी तरह से झूठे हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि वह इस पर कानूनी कार्रवाई करेंगे। एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने अपने खिलाफ भ्रष्टाचार के ‘झूठे’ आरोपों के लिए आम आदमी पार्टी नेता आतिशी और सौरभ भारद्वाज समेत चार पार्टी नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।
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अधिकारी के मुताबिक दिल्ली के उपराज्यपाल ने अपने खिलाफ 1,400 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के आप नेताओं के आरोप को मनगढ़ंत बताया है। आपको बती दें कि वर्ष 2016 में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष पद पर रहने के दौरान कथित रूप से प्रतिबंधित नोट बदलने के मामले में उपराज्यपाल वी के सक्सेना के खिलाफ जांच की मांग को लेकर आदमी पार्टी (आप) के विधायको ने दिल्ली विधानसभा परिसर में धरना दिया था। सोमवार को सदन की कार्यवाही के दौरान सत्तारूढ़ दल के विधायक आसन के समक्ष आ गए और आरोप लगाया कि घोटाला 1,400 करोड़ रुपये का है। उन्होंने मांग की कि सक्सेना को इस्तीफा देना चाहिए तथा मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच कराई जानी चाहिए।
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आप विधायक दुर्गेश पाठक ने सोमवार को विधानसभा में आरोप लगाया कि सक्सेना ने 2016 में केवीआईसी का अध्यक्ष रहने के दौरान अपने कर्मचारियों पर 1400 करोड़ रुपये मूल्य के पुराने नोट बदलने के लिए दबाव डाला था। उन्होंने दावा किया कि केवीआईसी के दो कैशियर ने घोटाले का पर्दाफाश किया था, लेकिन सक्सेना ने स्वयं उनके आरोपों की जांच की और उन्हें निलंबित कर दिया। पाठक ने कहा, ‘‘कैशियर प्रदीप यादव और संजीव कुमार ने ऑन रिकॉर्ड बताया कि नोटबंदी के बाद अकेले उनकी (दिल्ली) शाखा से 22 लाख रुपये का अवैध लेन-देन हुआ। और इस तरह पूरे भारत में फैली खादी की 7,000 शाखाओं के माध्यम से वही घोटाला किया गया।
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