मेट्रो सेवाएं बहाल करने का आदेश देने से दिल्ली हाईकोर्ट ने किया इनकार

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उच्च न्यायालय ने कहा कि मेट्रो सेवाएं फिर से शुरू होने पर डीएमआरसी को यह सुनिश्चित करना होगा कि सामाजिक दूरी बनी रहे क्योंकि यह सेवा दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के नागरिकों के लिए जीवन रेखा बन गयी है। याचिकाकर्ता श्रीश चड्ढा कानून के छात्र हैं।

नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में मेट्रो रेल सेवाओं को फिर से शुरू करने का तत्काल आदेश देने से इनकार कर दिया और कहा कि आप सरकार ने आम लोगों के लिए पर्याप्त सार्वजनिक परिवहन संचालित करने की अनुमति दी है। न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति एस प्रसाद की पीठ ने कहा कि जब लॉकडाउन में और ढील दी जाएगी, दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) को केंद्र और आप सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देशों के अनुसार परिचालन की अनुमति दी जाएगी।

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उच्च न्यायालय ने कहा कि मेट्रो सेवाएं फिर से शुरू होने पर डीएमआरसी को यह सुनिश्चित करना होगा कि सामाजिक दूरी बनी रहे क्योंकि यह सेवा दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के नागरिकों के लिए जीवन रेखा बन गयी है। याचिकाकर्ता श्रीश चड्ढा कानून के छात्र हैं। उन्होंने तर्क दिया था कि केंद्र और दिल्ली सरकार ने सरकारी और निजी प्रतिष्ठानों को काम करने की अनुमति दे दी है तथा कारों और दोपहिया वाहनों के लिए भी अनुमति दी गयी है। वे भूल गए कि राष्ट्रीय राजधानी में बड़ी संख्या में लोग काम पर जाने के लिए सार्वजनिक परिवहन पर निर्भर हैं। बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुयी सुनवाई में केंद्र ने पीठ से कहा कि नए लॉकडाउन दिशानिर्देशों के अनुसार, देश भर में मेट्रो सेवाओं जैसी कुछ गतिविधियों पर रोक है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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