1984 जैसे हालात पैदा नहीं होने देंगे, भड़काऊ भाषण देने वालों के खिलाफ दर्ज हो FIR: HC
दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में हुई हिंसा मामले में हाई कोर्ट ने बुधवार को सख्त टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि देश में एक बार फिर 1984 जैसे हालात नहीं होने देंगे। इस न्यायालय की निगरानी में तो बिल्कुल भी नहीं। इस दौरान कोर्ट में कपिल मिश्रा द्वारा दिए गए बयान का वीडियो भी चलाया गया।
नयी दिल्ली। दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में हुई हिंसा मामले में हाई कोर्ट ने बुधवार को सख्त टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि देश में एक बार फिर 1984 जैसे हालात नहीं होने देंगे। इस न्यायालय की निगरानी में तो बिल्कुल भी नहीं। इस दौरान कोर्ट में कपिल मिश्रा द्वारा दिए गए बयान का वीडियो भी चलाया गया। जिसके बाद कोर्ट ने वीडियो में दिख रहे पुलिस अधिकारी का नाम पूछा है।
वहीं हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में सेना की तैनाती की दलील पर होई कोर्ट सवाल नहीं खड़ा करना चाहता है। कोर्ट ने कहा कि अभी एफआईआर दर्ज करने पर ध्यान देना की जरूरत है। फिलहाल मामले को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
सुनवाई की बड़ी बातें:
- दिल्ली हाई कोर्ट ने पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर विवेकपूर्ण फैसला करने और इस बारे में बृहस्पतिवार को अदालत को अवगत कराने को कहा।
- दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि वह सिर्फ तीन वीडियो क्लिप के आधार पर कार्यवाही आगे नहीं बढ़ा रही है और पुलिसऐसी अन्य क्लिप पर भी प्राथमिकी दर्ज करे।
- प्राथमिकी दर्ज करें (तीनों भाजपा नेताओं द्वारा दिए गए भाषणों पर), दिल्ली हाई कोर्ट ने विशेष पुलिस आयुक्त से यह बात पुलिस आयुक्त को बताने के लिए कहा।
- दिल्ली हाई कोर्ट ने विशेष पुलिस आयुक्त से उसके आक्रोश से पुलिस आयुक्त को अवगत कराने को कहा।
- सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पुलिस पिकनिक नहीं मना रही, उनपर तेजाब से हमले हो रहे हैं।
- याचिकाकर्ता के वकील कोलिन गोन्जाल्विस ने कहा कि पुलिस को बिना किसी डर या दबाव के कानून की रक्षा करनी चाहिए।
- हाई कोर्टने पूछा कि क्या तीन में से किसी नेता ने कथित आपत्तिजनक बयान से इनकार किया है; याचिकाकर्ता के वकील ने कहा नहीं, वे इसमें गर्व महसूस करते हैं।
- राहुल मेहरा ने हाई कोर्टमें कहा कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा में शामिल प्रत्येक व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए।
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- दिल्ली सरकार के स्थायी अधिवक्ता राहुल मेहरा ने हाई कोर्टमें दलील दी कि तीन भाजपा नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज न करने का कोई कारण नहीं है।
- सॉलीसिटर जनरल ने कहा कि हाई कोर्टको तीन भाजपा नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर अधिकारियों के जवाब का इंतजार करना चाहिए क्योंकि अभी कोई निर्णय करने से स्थिति बिगड़ सकती है।
- हाई कोर्टने अधिवक्ता जुबेदा बेगम को पीड़ितों और विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय के लिए अदालत मित्र नियुक्त किया।
- हाई कोर्टने इहबास के निदेशक को निर्देश दिया कि वह दंगों के बाद तनाव स्थिति से गुजर रहे लोगों की स्वास्थ्य आवश्यकताएं पूरी करने के लिए पर्याप्त योग्य पेशेवर उपलब्ध कराएं।
Delhi violence matter in Delhi High Court: The court adjourns the matter for tomorrow and states that the authorities must go strictly by the mandate of the law. https://t.co/2ExFwnbXXa
— ANI (@ANI) February 26, 2020
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