दिल्ली सरकार अस्पतालों में बेड की दर पर लगाम लगाने में रही नाकाम: भाजपा

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दिल्ली सरकार ने पिछले साल जून में एक आदेश जारी कर दिल्ली के निजी अस्पतालों में पृथक-वास बेड, वेंटिलेटर सुविधा वाले आईसीयू बेड के लिए दरें निर्धारित की थी। मामले में दिल्ली सरकार या सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी का कोई बयान अभी नहीं आया है।

नयी दिल्ली।  भाजपा की दिल्ली इकाई ने सोमवार को आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार कोविड मरीजों के लिए निजी अस्पतालों में बेड की दर नियंत्रित करने में नाकाम रही जिससे आम जन खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रमुख आदेश गुप्ता ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए दावा किया कि कोविड-19 के पृथक-वास और आईसीयू बेड के लिए पिछले साल जून में दर तय करने के बावजूद लोगों को रोजाना एक लाख से डेढ़ लाख रुपये तक भुगतान करना पड़ा है और मूल्य नियंत्रण के मुद्दे की जांच कराने की मांग की। गुप्ता ने कहा, ‘‘अगर केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार ने इस संबंध में अपने दिशा-निर्देशों का पालन किया होता तो लोगों को यह सब नहीं भुगतना पड़ता।’’ गुप्ता ने आरोप लगाया, ‘‘यह दुखद है कि इस महामारी के दौरान जब सरकार को गरीबों, जरूरमंदों की मदद करनी चाहिए तब वह उन्हें लूट रही है और परेशान कर रही है।’’ दिल्ली सरकार ने पिछले साल जून में एक आदेश जारी कर दिल्ली के निजी अस्पतालों में पृथक-वास बेड, वेंटिलेटर सुविधा वाले आईसीयू बेड के लिए दरें निर्धारित की थी। मामले में दिल्ली सरकार या सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी का कोई बयान अभी नहीं आया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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