Delhi CM को मिला प्रवर्तन निदेशालय का समन, चौथी बार टीम ने भेजा नोटिस

kejriwal
प्रतिरूप फोटो
ANI Image
रितिका कमठान । Jan 13 2024 9:55AM

इससे पहले अरविंद केजरीवाल को तीन बार समन जारी हो चुके हैं मगर वह प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश नहीं हुए हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने इससे पहले दो नवंबर, 21 दिसंबर और तीन जनवरी को समन जारी किया था। इन तीन तारीखों पर अरविंद केजरीवाल प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश नहीं हुए थे।

प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब घोटाला मामले में चौथी बार नोटिस भेजा है। इस बार प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने अरविंद केजरीवाल को 18 जनवरी को पेश होने के निर्देश दिए है। इससे पहले अरविंद केजरीवाल को तीन बार समन जारी हो चुके हैं मगर वह प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश नहीं हुए हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने इससे पहले दो नवंबर, 21 दिसंबर और तीन जनवरी को समन जारी किया था। इन तीन तारीखों पर अरविंद केजरीवाल प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश नहीं हुए थे। 

बता दें कि तीसरा सामान जारी होने के बाद अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी ने बयान जारी किया था कि वह प्रवर्तन निदेशालय की जांच में समर्थन और सहयोग देना चाहते हैं लेकिन यह नोटिस राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने इन समन को गैरकानूनी भी बताया था। वहीं चौथा समान जारी होने के बाद आम आदमी पार्टी की तरफ से अब तक कोई बयान सामने नहीं आया है।

इस कथित घोटाले को लेकर आम आदमी पार्टी का कहना है कि ये घोटाला फर्जी है। आम आदमी पार्टी के नेताओं का कहना है कि शराब घोटाला मामले की जांच बीते दो सालों से लगातार हो रही है। लगातार जांच के बाद भी प्रवर्तन निदेशालय की टीम को अब तक कोई सबूत नहीं मिले हैं। इस मामले में परिवर्तन निदेशालय की टीम 500 से अधिक लोगों से पूछताछ कर चुकी है और हजार से अधिक जगहों पर छापेमारी की है। प्रवर्तन निदेशालय को सबूत के तौर पर कुछ भी बरामद नहीं हुआ है लेकिन फिर भी जबरदस्ती के आरोप मढ़े जा रहे हैं।

ये है पूरा मामला
आरोप है कि शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने संबंधी दिल्ली सरकार की 2021-22 की आबकारी नीति में घोर खामियां थीं और इसके जरिए जरिए कुछ डीलर का पक्ष लिया गया जिन्होंने कथित तौर पर इसके लिए रिश्वत दी थी। आप ने इन आरोपों का बार-बार खंडन किया है। बाद में इस नीति को रद्द कर दिया गया और दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) जांच की सिफारिश की जिसके बाद ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़