Pawar से Power मिलते ही जोश में आये Delhi CM Arvind Kejriwal, BJP की ईंट से ईंट बजा देने का संकल्प लिया
केजरीवाल ने कहा कि शरद पवार ने हमें आश्वासन दिया है कि जब ये बिल राज्यसभा में आएगा तो इस बिल को वहां पास नहीं होने देंगे। केजरीवाल ने यह भी कहा कि वह शुक्रवार को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से भी इस मुद्दे पर मिलने का समय मांगेंगे।
दिल्ली में सेवाओं पर अधिकार संबंधी केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाने के वास्ते राष्ट्रव्यापी दौरे पर निकले दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आज मुंबई में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात की। दक्षिण मुंबई के वाईबी चव्हाण सेंटर में पवार से मुलाकात के दौरान केजरीवाल के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी थे। शरद पवार ने इस लड़ाई में अपनी पार्टी का समर्थन देने का केजरीवाल को विश्वास दिलाया है। इस मुलाकात के बाद नये उत्साह में भाजपा पर बरसते हुए केजरीवाल ने कहा कि शरद पवार ने हमें आश्वासन दिया है कि जब ये बिल राज्यसभा में आएगा तो इस बिल को वहां पास नहीं होने देंगे। केजरीवाल ने यह भी कहा कि वह शुक्रवार को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से भी इस मुद्दे पर मिलने का समय मांगेंगे।
केजरीवाल ने कहा कि आठ साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की जनता के साथ न्याय कर, उन्हें अधिकार दिए थे लेकिन केंद्र ने आठ दिन में अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला उलट दिया। उन्होंने कहा कि मैं शरद पवार और एनसीपी का धन्यवाद करता हूँ कि उन्होंने हमें आश्वासन दिया है कि इस विधेयक को राज्यसभा में पास नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि अगर सभी विपक्षी पार्टियां इकट्ठी हो जाये तो ये बिल राज्यसभा में गिर सकता है। केजरीवाल ने कहा कि अगर भाजपा की सरकार नहीं बनती तो ये तीन तरीक़े लगाकर सत्ता हथियाते हैं।
1. विधायकों की ख़रीद फ़रोख़्त करके सरकार गिराना
2. ED-CBI के डर से विधायक तोड़कर सरकार गिराना
3. अध्यादेश से सरकार के अधिकार छीनना
केजरीवाल ने कहा कि शरद पवार ने महाराष्ट्र में ये होते हुए देखा है। अगर दिल्ली के लिए लाया अध्यादेश राज्यसभा में गिरा देते हैं, तो ये 2024 के लिए संदेश होगा। केजरीवाल ने कहा कि भाजपा की सरकार 2024 में गिरेगी। ये पक्ष-विपक्ष की एकता की बात नहीं, देश की एकता की बात है।
केजरीवाल की मुलाकातें
हम आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेता केजरीवाल ने बुधवार को महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे से उनके ब्रांद्रा स्थित घर पर मुलाकात की थी। मुलाकात के दौरान उन्होंने दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर भाजपा शासित केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आप की लड़ाई के लिए उनका समर्थन मांगा था। केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आप की लड़ाई के लिए समर्थन जुटाने के वास्ते अपने देशव्यापी दौरे के तहत मंगलवार को केजरीवाल और मान ने कोलकाता में पश्चिम बंगाल की अपनी समकक्ष ममता बनर्जी से मुलाकात की थी। इस लड़ाई में केजरीवाल को बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल युनाइटेड के नेता नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव का समर्थन पहले ही मिल चुका है। हम आपको यह भी बता दें कि केंद्र ने पिछले शुक्रवार को दिल्ली में ‘ग्रुप-ए’ अधिकारियों के स्थानांतरण और तैनाती के वास्ते एक प्राधिकरण बनाने के लिए एक अध्यादेश जारी किया था। आम आदमी पार्टी की सरकार ने इस कदम को सेवाओं के नियंत्रण पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के साथ धोखा बताया है।
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आम आदमी पार्टी का दोहरा रवैया
दूसरी ओर, कांग्रेस का भी समर्थन पाने को आतुर दिख रहे केजरीवाल से उनके विरोधाभासी रुख को देखते हुए यह प्रश्न पूछा जाना चाहिए कि आम आदमी पार्टी कांग्रेस की स्थानीय इकाई की आलोचना क्यों कर रही है? यहां सवाल यह भी उठता है कि क्या कांग्रेस आलाकमान अपनी दिल्ली इकाई की भावनाओं की अनदेखी कर केजरीवाल को समर्थन देगा? हम आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली सेवा मामले पर केंद्र के अध्यादेश को लेकर कांग्रेस पर ‘‘अवसरवादी राजनीति’’ करने का आरोप लगाया है। भारद्वाज ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि एक तरफ जहां कांग्रेस की प्रदेश इकाई दिल्ली सेवा के मुद्दे पर ‘आप’ को समर्थन देने से इंकार कर रही है, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने 2002 में भाजपा शासित केंद्र सरकार के खिलाफ दिल्ली विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया था। मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, ‘‘शीला दीक्षित ने पूर्व में केंद्र सरकार के आदेशों की निंदा की थी और कहा था कि यह लोकतांत्रिक परंपराओं का उल्लंघन है। उन्होंने केंद्र के खिलाफ 2002 में दिल्ली विधानसभा में इसी तरह का एक प्रस्ताव पारित किया था क्योंकि केंद्र ने कहा था कि वे दिल्ली सरकार को मान्यता नहीं देते हैं और दिल्ली में केवल एक ही सरकार हो सकती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रदेश कांग्रेस जो कर रही है, वह अवसरवादी राजनीति है और वह भाजपा के लिए काम कर रही है। कांग्रेस के ऐसे नेताओं के बयान आ रहे हैं, जिन्हें पार्टी ने दरकिनार कर दिया है।’’
हम आपको बता दें कि कांग्रेस नेताओं संदीप दीक्षित और वरिष्ठ नेता अजय माकन ने पुरजोर शब्दों में कहा था कि दिल्ली में काम नहीं करने देने का आप का आरोप केवल ‘बहाना’ है और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इस मुद्दे पर कोई समर्थन नहीं दिया जाना चाहिए।
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