जयललिता की मौत से संबंधित आयोग की रिपोर्ट विधानसभा में पेश करने का फैसला
तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की मौत से संबंधित परिस्थितियों की जांच करने वाले न्यायमूर्ति अरुमुगस्वामी आयोग की रिपोर्ट में उनकी करीबी वी.के. शशिकला और अन्य के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की गई है और इस मामले पर कानूनी विशेषज्ञों के साथ चर्चा की जाएगी।
चेन्नई, 30 अगस्त। तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की मौत से संबंधित परिस्थितियों की जांच करने वाले न्यायमूर्ति अरुमुगस्वामी आयोग की रिपोर्ट में उनकी करीबी वी.के. शशिकला और अन्य के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की गई है और इस मामले पर कानूनी विशेषज्ञों के साथ चर्चा की जाएगी। तमिलनाडु सरकार ने सोमवार को यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन की अध्यक्षता में हुई राज्य के मंत्रिमंडल की बैठक में आयोग की रिपोर्ट को तमिलनाडु विधानसभा में पेश करने का फैसला भी लिया गया।
आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, 22 सितंबर, 2016 को जयललिता के अस्पताल में भर्ती होने और उन्हें प्रदान किए गए उपचार समेत विभिन्न पहलुओं पर इस रिपोर्ट में प्रकाश डाला गया है। न्यायमूर्ति अरुमुगस्वामी ने यह रिपोर्ट स्टालिन को सौंप दी थी, जिसके दो दिन बाद मंत्रिमंडल की बैठक में इस पर विस्तार से चर्चा की गई। रिपोर्ट में कहा गया है, “कैबिनेट ने रिपोर्ट पर कानूनी विशेषज्ञों की राय लेने का फैसला किया है, जिसमें वीके शशिकला, शिवकुमार, तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सी. विजयभास्कर और तत्कालीन मुख्य सचिव राम मोहन राव व अन्य के खिलाफ सरकारी जांच की सिफारिश की है। चर्चा के बाद इसे तमिलनाडु विधानसभा में पेश किया जाएगा। पांच दिसंबर, 2016 को जयललिता का निधन हो गया था। पिछली अन्नाद्रमुक सरकार द्वारा गठित अरुमुगस्वामी आयोग ने 22 नवंबर 2017 को जांच शुरू की थी। मद्रास उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश इसके अध्यक्ष थे।
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