अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त करे CWC, फिर शीर्ष पदों के लिए हो चुनाव: शशि थरूर
संविधान भी यही कहता है कि सीडब्ल्यूसी को अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त करना चाहिए और तब चुनाव कराने चाहिए। एक मात्र सवाल यह है कि क्या छोटी एआईसीसी होनी चाहिए या विस्तारित एआईसीसी।’
नयी दिल्ली। कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की अहम बैठक से पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने रविवार को कहा कि इसे एक अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त करना चाहिए और फिर शीर्ष नेतृत्व के पदों के लिए आंतरिक चुनाव कराना चाहिए क्योंकि इससे निर्वाचित नेता सशक्त और ज्यादा विश्वसनीय होगा। थरूर की टिप्पणी पार्टी की इस घोषणा के कुछ घंटों बाद आई है, जिसमें कहा गया था कि कांग्रेस कार्य समिति की यहां कांग्रेस मुख्यालय में 10 अगस्त को बैठक होगी। उन्होंने ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस (एआईपीसी) की दूसरी वार्षिक बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘जब हमने राहुल गांधी से बात की, उन्होंने कहा कि जवाबदेही की एक संस्कृति होनी चाहिए। यदि राहुल गांधी ने यह किया है, तब यह हर किसी के लिए प्रासंगिक है। यह सिद्धांत सिर्फ एक व्यक्ति के लिए नहीं है।’’ थरूर एआईपीसी के प्रमुख हैं।
We are pleased to share the following note summarising the key outcomes of our National Executive State Leaders' Meeting. #AIPC2 pic.twitter.com/kynkZXlILk
— AIPC (@ProfCong) August 4, 2019
एआईपीसी ने अपनी बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेतृत्व और सीडब्ल्यूसी से राहुल की इच्छाओं के अनुरूप फौरन कदम उठाने और यथाशीघ्र एक अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि अंतरिम अध्यक्ष की अत्यावश्यक नियुक्ति और उसके बाद पार्टी में वरिष्ठ नेतृत्व पदों के लिये आंतरिक चुनाव से देश भर में कांग्रेस की विश्वसनीयता और वैधता को बल मिलेगा।
मिलिंद देवड़ा द्वारा पार्टी अध्यक्ष पद के लिये सचिन पायलट और ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम सुझाए जाने और प्रियंका गांधी को अध्यक्ष बनाने की उठ रही मांगों पर थरूर ने कहा कि उन्होंने व्यक्तियों की बात नहीं की है लेकिन एक प्रक्रिया की बात की है जिसकी पार्टी अध्यक्ष का चुनाव करने के लिये पालन की जरूरत है। थरूर ने कहा, ‘‘मैंने सुझाव दिया था और एआईपीसी ने भी इसका अनुमोदन किया कि पार्टी में चुनाव होने चाहिए। संविधान भी यही कहता है कि सीडब्ल्यूसी को अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त करना चाहिए और तब चुनाव कराने चाहिए। एक मात्र सवाल यह है कि क्या छोटी एआईसीसी होनी चाहिए या विस्तारित एआईसीसी।’’
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