माकपा ने केरल में कांग्रेस, भाजपा, मुस्लिम लीग के बीच गठजोड़ का आरोप लगाया

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केरल में प्रमुख वामपंथी विरोधी दलों पर निशाना साधते हुए राज्य के वित्त मंत्री के. एन. बालगोपाल ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मुस्लिम लीग ने आगामी लोकसभा चुनावों में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाले गठबंधन को हराने के लिए हाथ मिला लिया है।

कोल्लम (केरल)। केरल में प्रमुख वामपंथी विरोधी दलों पर निशाना साधते हुए राज्य के वित्त मंत्री के. एन. बालगोपाल ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मुस्लिम लीग ने आगामी लोकसभा चुनावों में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाले गठबंधन को हराने के लिए हाथ मिला लिया है। वर्ष 1991 के आम चुनावों के दौरान कोझिकोड की वडकारा लोकसभा सीट पर कांग्रेस-मुस्लिम लीग-भाजपा गठबंधन के कथित कुख्यात राजनीतिक प्रयोग का जिक्र करते हुए माकपा के वरिष्ठ नेता बालगोपाल ने आरोप लगाया कि अगले साल आम चुनाव से पहले ग्राम पंचायत स्तर पर इसके नए संस्करण का प्रयोग किया जा रहा है।

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बालगोपाल ने आरोप लगाया कि हाल में उनके कोट्टाराक्करा विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले उम्मन्नूर ग्राम पंचायत में भाजपा के समर्थन से कांग्रेस की जीत उनके ‘‘अपवित्र संबंधों’’ का स्पष्ट संकेत है। बालगोपाल ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘यह अपवित्र गठबंधन राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए बनाया गया था, जिन्होंने समझौते के अनुसार ढाई साल बाद इस्तीफा दे दिया था।’’ वरिष्ठ वामपंथी नेता ने अपने 26 जुलाई के पोस्ट में आरोप लगाया कि यह स्पष्ट है कि कांग्रेस और भाजपा पहले की तरह अपने गठबंधन की तैयारी कर रहे हैं।

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उन्होंने कहा कि जो लोग लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करते हैं, वे इस तथ्य को स्वीकार नहीं कर सकते कि कांग्रेस को भाजपा से हाथ मिलाने में कोई हिचकिचाहट नहीं है, जबकि सभी विपक्षी दल भाजपा से लड़ने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एकजुट हो रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘लोकतांत्रिक धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों में विश्वास करने वालों के लिए आश्चर्य की बात यह है कि कांग्रेस को भाजपा के साथ हाथ मिलाने में कोई झिझक नहीं है और सभी विपक्षी दल राष्ट्रीय स्तर पर तब भाजपा के खिलाफ एकजुट होने की बात कर रहे हैं, जब मणिपुर में हिंसा से विदेशों में भारत की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंच रही है।

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