पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन जैसी कार्यवाई का विरोध करेगी माकपा: येचुरी
येचुरी ने कहा, ‘‘राज्यपाल का पद संवैधानिक है और हमारे संविधान के तहत उनकी जवाबदेही राष्ट्रपति के प्रति होती है। राज्यपाल का मंत्रियों से मिलना और इसकी जानकारी मीडिया में देना, पहले कभी नहीं हुआ और ना ही होना चाहिये। यह उचित नहीं है। उन्हें अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को देनी चाहिये।’’
नयी दिल्ली। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति नाजुक है लेकिन इस समस्या का समाधान, राष्ट्रपति शासन लगाना कतई नहीं है। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने सोमवार को बताया कि पार्टी, शुरु से ही राष्ट्रपति शासन का विरोध करती रही है और पश्चिम बंगाल में भी इस तरह की कार्रवाई का सैद्धांतिक विरोध करेगी। उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने सोमवार को प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से मुलाकात कर राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति से अवगत कराया है।
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त्रिपाठी द्वारा पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति पर अपनी रिपोर्ट केन्द्र सरकार को सौंपने के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की अटकलों के सवाल पर येचुरी ने कहा, ‘‘राज्य में हालात अच्छे नहीं हैं। लेकिन राष्ट्रपति शासन लगाने जैसी कार्रवाई से पहले सरकार को यह स्पष्ट करना होगा कि किस आधार पर राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब है।’’ येचुरी ने कहा, ‘‘राज्यपाल का पद संवैधानिक है और हमारे संविधान के तहत उनकी जवाबदेही राष्ट्रपति के प्रति होती है। राज्यपाल का मंत्रियों से मिलना और इसकी जानकारी मीडिया में देना, पहले कभी नहीं हुआ और ना ही होना चाहिये। यह उचित नहीं है। उन्हें अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को देनी चाहिये।’’
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