अदालत ने अमान्य लाइसेंस के कारण शराब परोसने से रोकने के आबकारी विभाग के आदेश पर रोक लगाई

न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने नौ अप्रैल के आदेश में कहा कि आठ अप्रैल 2024 के ‘कारण बताओ’ नोटिस एवं आदेश के तहत याचिकाकर्ता को शराब की सेवा का संचालन बंद करने का कहना स्पष्ट रूप से गलत है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने आबकारी विभाग के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें शहर के मशहूर भोजनालय हौज खास सोशल को वैध भोजनालय लाइसेंस के अभाव में शराब परोसना बंद करने का निर्देश दिया गया था।
उच्च न्यायालय को बताया गया कि रेस्तरां का भोजनालय लाइसेंस 31 मार्च, 2024 तक वैध था और वह तब से इसके नवीनीकरण के लिए प्रयास कर रहा है। अदालत ने कहा कि कानून के अनुसार, भोजनालय को पहले से दिया गया पंजीकरण नवीनीकरण प्रमाणपत्र जारी होने तक या दिल्ली पुलिस की लाइसेंसिंग इकाई द्वारा इनकार की सूचना देने तक लागू रहेगा।
न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने नौ अप्रैल के आदेश में कहा कि आठ अप्रैल 2024 के ‘कारण बताओ’ नोटिस एवं आदेश के तहत याचिकाकर्ता को शराब की सेवा का संचालन बंद करने का कहना स्पष्ट रूप से गलत है।
मामले में याचिकाकर्ता एपिफेनी हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड है जो यहां हौज खास गांव में मैसर्स सोशल एंड टीनूर नाम से रेस्तरां एवं बार संचालित करता है। इसे हौज खास सोशल के नाम से भी जाना जाता है। रेस्तरां के अधिकारियों से कहा गया कि वे शराब की बिक्री न करें, क्योंकि रेस्तरां के पास वैध लाइसेंस नहीं है।
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