भोपाल में 31 मई तक बढ़ाया जाएगा कोरोना कर्फ्यू, आपदा प्रबंधन बैठक में निर्णय
दिनेश शुक्ल । May 21 2021 9:13PM
मुख्यमंत्री ने कहा है कि 31 मई के बाद लगातार सावधानियाँ बरतना आवश्यक है। मई माह के बाद क्रमबद्ध रूप से जीवन सामान्य होगा। कोरोना से बचाव के लिए आवश्यक व्यवहार अपनाने के लिए लोगों को प्रेरित करना होगा। इसके लिए व्यापक स्तर पर जन-जागरण अभियान चलाया जायेगा।
भोपाल। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने प्रदेश की राजधानी भोपाल में 31 मई तक कोरोना कर्फ्यू बढाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश को 31 मई तक कोरोना मुक्त बनाने के लिए आपदा प्रबंधन समिति के सभी सदस्य और शासकीय अमला पूरी सजगता और सचेत होकर इस दिशा में कार्य करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि आक्रामक टेस्टिंग रणनीति, कांटेक्ट ट्रेसिंग और माइक्रो कंटेंनमेंट जोन बना कर प्रदेश में शेष रहे कोरोना प्रकरणों को जल्द समाप्त करना होगा। जहाँ आवश्यक हो, वहाँ एरिया स्पेसिफिक रणनीति लागू की जाये। उक्त बातें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को कही भोपाल संभाग की आपदा प्रबंधन समिति की बैठक के दौरान कही ।
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मुख्यमंत्री ने कहा है कि 31 मई के बाद लगातार सावधानियाँ बरतना आवश्यक है। मई माह के बाद क्रमबद्ध रूप से जीवन सामान्य होगा। कोरोना से बचाव के लिए आवश्यक व्यवहार अपनाने के लिए लोगों को प्रेरित करना होगा। इसके लिए व्यापक स्तर पर जन-जागरण अभियान चलाया जायेगा। टीकाकरण के लिए जन-जागरण और टीके के संबंध में बने भ्रम को दूर करना आवश्यक है। जिला कलेक्टर यह सुनिश्चित करें कि एक भी टीका व्यर्थ नहीं जाये। वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए सभी आवश्यक उपाय किये जायें और कोरोना संभावित व्यक्तियों को चिन्हित करने के लिए किल कोराना अभियान में घर-घर सर्वे का कार्य निरंतर जारी रहे। प्रभावित व्यक्तियों को तत्काल दवा दी जाये और उनकी स्थिति पर नजर रखा जाये।
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इसी के साथ उनका अधिकारियों से कहना था कि कोरोना प्रभावित व्यक्ति को यदि ऑक्सीजन लगाने की आवश्यकता है, तो वह अस्पताल में डॉक्टर की देखरेख में ही लगाई जाये। अनियंत्रित ऑक्सीजन के उपयोग से मरीजों के फेफड़ों को नुकसान हो रहा है। जिला कलेक्टरों को इस पर नजर रखने के निर्देश दिये गये। अधिकारियों के साथ इस बैठक में भोपाल, सीहोर, रायसेन, विदिशा तथा राजगढ़ कलेक्टर द्वारा शासकीय तथा निजी अस्पतालों में बिस्तरों की व्यवस्था, सेंपिलिंग टेस्टिंग की व्यवस्था, पॉजिविटी रेट, संक्रमित मरीजों और कंटेनमेंट एरिया प्रबंधन, ऑक्सीजन के प्रबंधन, टीकाकरण अभियान, आयुष्मान भारत योजना में लाभान्वित मरीजों की संख्या और मेडिकल कॉलेजों में ब्लैक फंगस के उपचार के लिए व्यवस्था के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया गया।
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इस बैठक में मुख्यमंत्री ने भोपाल संभाग की विकासखण्ड स्तरीय क्राइसेस मेनेंजमेंट समितियों को संबोधित भी किया। इसमें विशेष तौर से चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, विधायक रमेश्वर शर्मा तथा श्रीमती कृष्णा गौर और कमिश्नर भोपाल कविन्द्र कियावत भी उपस्थित थे। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ऑनलाइन सम्मिलित हुए।
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