भारत को आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभा सकता है सहकारिता क्षेत्र: अमित शाह
केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस पार्टी पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने सिर्फ गरीबी हटाओ का नारा दिया, लेकिन गरीबी को खत्म करने के लिए पर्याप्त उपाय नहीं किए। उन्होंने कहा कि पूंजीवाद और साम्यवाद शासन के चरम रूप हैं, और विकास का सहकारी मॉडल ही देश के लिए सबसे उपयुक्त है।
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केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस पार्टी पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने सिर्फ गरीबी हटाओ का नारा दिया, लेकिन गरीबी को खत्म करने के लिए पर्याप्त उपाय नहीं किए। उन्होंने कहा कि पूंजीवाद और साम्यवाद शासन के चरम रूप हैं, और विकास का सहकारी मॉडल ही देश के लिए सबसे उपयुक्त है। सहकारिता मंत्रालय सहकारी क्षेत्र को पेशेवर और बहुआयामी बनाकर विभिन्न पहलुओं पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि कौशल प्रशिक्षण देने के लिए लेखांकन, विपणन और प्रबंधन जैसे विषयों पर आधारित एक सहकारी विश्वविद्यालय स्थापित किया जाएगा।
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शाह ने कहा कि प्रशिक्षित जनशक्ति को सहकारी समितियों में शामिल किया जा सकता है और इससे नियुक्तियों में भाई-भतीजावाद भी समाप्त होगा। उन्होंने कहा कि कानूनों में भी बदलाव की जरूरत है, लेकिन साथ ही उन्होंने सहकारी समितियों के बीच स्व-नियमन पर जोर दिया। शाह ने कहा कि सरकार ने हाल ही में 2,516 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ सभी कार्यात्मक 63,000 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों के कंप्यूटरीकरणका फैसला किया है। इस कदम से लेखांकन और बही-खाता पद्धति में पारदर्शिता आएगी। भारत में 8.5 लाख सहकारी समितियां हैं और लगभग 12 करोड़ लोग इस क्षेत्र से सीधे जुड़े हुए हैं।
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