संसद अहंकार की ईंटों से नहीं, संवैधानिक मूल्यों से बनती है, राहुल गांधी बोले- राष्ट्रपति से उद्घाटन न करवाना सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी संसद भवन के उद्घाटन को लेकर अपनी राय प्रकट की है। राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा कि राष्ट्रपति से संसद का उद्घाटन न करवाना और न ही उन्हें समारोह में बुलाना - यह देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान है।
देश के नए संसद भवन का 28 मई को उद्धाटन होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भवन का उद्घाटन करेंगे लेकिन अब इस खूबसूरत बिल्डिंग को लेकर देश में सियासत छिड़ गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं मल्लिकार्जुन खड़गे, शशि थरूर और मनीष तिवारी द्वारा अपने सुझाव के समर्थन में संविधान के कई लेखों का हवाला देने के घंटों बाद आई कि भारत के राष्ट्रपति को पीएम के बजाय भवन का उद्घाटन करना चाहिए।
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वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी संसद भवन के उद्घाटन को लेकर अपनी राय प्रकट की है। राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा कि राष्ट्रपति से संसद का उद्घाटन न करवाना और न ही उन्हें समारोह में बुलाना - यह देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान है। संसद अहंकार की ईंटों से नहीं, संवैधानिक मूल्यों से बनती है। नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति जी को ही करना चाहिए, प्रधानमंत्री को नहीं!
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विपक्षी दलों ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होंगे। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप), शिवसेना (यूबीटी), तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और जनता दल (यूनाइटेड) सहित उन्नीस विपक्षी दलों ने एक संयुक्त बयान में घोषणा की कि वे 28 मई को नई संसद के उद्घाटन का बहिष्कार करेंगे। विपक्ष ने कहा कि संसद में मुद्दों को उठाने के दौरान सांसदों को अयोग्य और निलंबित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब रद्द किए जा चुके कृषि कानूनों सहित कई कानून "लगभग बिना किसी बहस के" पारित किए गए और संसदीय समितियों को "व्यावहारिक रूप से निष्क्रिय कर दिया गया है।
राष्ट्रपति से संसद का उद्घाटन न करवाना और न ही उन्हें समारोह में बुलाना - यह देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 24, 2023
संसद अहंकार की ईंटों से नहीं, संवैधानिक मूल्यों से बनती है।
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