राष्ट्रपति से मिलकर येदियुरप्पा सरकार को बर्खास्त करने की मांग करेगी कांग्रेस
इस क्लिप में यदियुरप्पा हुबली में पार्टी नेताओं की बैठक में कांग्रेस-जदएस के अयोग्य ठहराए गए विधायकों को आगामी उपचुनाव में टिकट देने पर आपत्ति जताने पर नाराजगी व्यक्त कररहे थे।
बेंगलुरु। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बृहस्पतिवार को कहा कि कांग्रेस राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर बीएस येदियुरप्पा नीत भाजपा सरकार को बर्खास्त करने की मांग करेगी। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि भाजपा ने अन्य पार्टियों के विधायकों से दल-बदल कराके ‘असंवैधानिक’ तरीके से राज्य में सरकार बनाई है।
There are many evidences to prove the involvement of @HMOIndia @AmitShah & @CMofKarnataka @BSYBJP in Operation Kamala.
— Siddaramaiah (@siddaramaiah) November 7, 2019
So, we shall meet the @rashtrapatibhvn very soon to urge him to sack the govt and take action against Amit Shah.
सिद्धरमैया ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर भी प्रहार करते हुए कहा कि उन्हें पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री ने यहां पत्रकारों से कहा कि संवैधानिक पद पर आसीन होने के बावजूद गृह मंत्री और मुख्यमंत्री ने दल-बदल का समर्थन किया जो संविधान की अनुसूचि (दल-बदल रोधी) के उद्देश्य के खिलाफ है। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘ हम राष्ट्रपति से मिलेंगे और यह सब चीजें उनके संज्ञान में लाएंगे तथा यदियुरप्पा सरकार को बर्खास्त करने की मांग करेंगे। हम (राष्ट्रपति से) समय मांगेगे और वहां जाएंगे।’’ गौरतलब है कि कांग्रेस के 14 और जदएस के तीन विधायकों के इस्तीफे या गैर हाजिर रहने की वजह से कुमारस्वामी नीत दोनों पार्टियों की गठबंधन सरकार विश्वास मत हार गई थी। इसके बाद भाजपा ने सरकार बना ली थी। सिद्धरमैया ने दावा किया कि इस तरह के सबूत हैं कि भाजपा ने लालच देकर दल-बदल की साजिश रची। सिद्धरमैया ने यह टिप्पणी येदियुरप्पा की हाल में लीक हुई ऑडियो क्लिप का हवाला देते हुए की।
इस क्लिप में यदियुरप्पा हुबली में पार्टी नेताओं की बैठक में कांग्रेस-जदएस के अयोग्य ठहराए गए विधायकों को आगामी उपचुनाव में टिकट देने पर आपत्ति जताने पर नाराजगी व्यक्त कररहे थे। पन्द्रह विधानसभा सीटों पर पांच दिसंबर को उपचुनाव होना है। कांग्रेस आठ सीटों पर अपने उम्मीदवार की घोषणा कर चुकी है। सिद्धारमैया ने कहा कि शेष सात सीटों पर उम्मीदवारों के बारे में फैसला अयोग्य ठहराये गये विधायकों के अनुरोध पर उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्णय करने के बाद किया जाएगा। सिद्धरमैया ने यह भी कहा कि टीपू सुल्तान और उनके पिता हैदर अली के बिना मैसुरु का इतिहास अधूरा है। उन्होंने कहा, ‘‘ अगर पाठ्य पुस्तक से टीपू पर आधारित पाठ हटाया जाता है तो मैसुरु का इतिहास अधूरा रहेगा।’’ सत्तारूढ़ भाजपा के भीतर से मैसूर रियासत के 18वीं शताब्दी के विवादास्पद शासक टीपू सुल्तान के बारे में स्कूली पाठ्यपुस्तक से अध्याय हटाये जाने की मांग के बीच राज्य सरकार ने इस मुद्दे पर विचार के लिए एक समिति गठित की है जो अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
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