साम्प्रदायिक दलों के साथ गठबंधन करना कांग्रेस को महंगा पड़ा, रुझानों में सूपड़ा साफ

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कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों में कई साम्प्रदायिक दलों के साथ गठबंधन किया था लेकिन जनता ने लगता है इसको नकार दिया। कांग्रेस के कई आला नेताओं के विरोध के बावजूद गांधी परिवार ने बंगाल में आईएसएफ, केरल में वेलफेयर पार्टी और असम में बदरुद्दीन अजमल की एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन किया था।

यही नहीं असम में एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन करना कांग्रेस के किसी काम में नहीं आया और भाजपा यहां इतिहास रचते हुए दोबारा सत्ता में आती दिख रही है। शुरुआती रुझान बता रहे हैं कि जनता ने विकास के नाम पर वोट दिया है।

कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों में कई साम्प्रदायिक दलों के साथ गठबंधन किया था लेकिन जनता ने लगता है इसको नकार दिया। कांग्रेस के कई आला नेताओं के विरोध के बावजूद गांधी परिवार ने बंगाल में आईएसएफ, केरल में वेलफेयर पार्टी और असम में बदरुद्दीन अजमल की एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन किया था। विधानसभा चुनावों के लिए पोस्टल बैलेटों की मतगणना का काम लगभग पूरा हो चुका है लेकिन बंगाल में कांग्रेस-वाम-आईएसएफ गठबंधन का खाता भी नहीं खुला। वही केरल में सत्ता की प्रबल दावेदार कांग्रेस को राज्य की जनता ने नकार दिया है। वेलफेयर पार्टी के साथ गठबंधन कांग्रेस को केरल के पंचायत चुनावों में भी भारी पड़ा था।

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यही नहीं असम में एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन करना कांग्रेस के किसी काम में नहीं आया और भाजपा यहां इतिहास रचते हुए दोबारा सत्ता में आती दिख रही है। शुरुआती रुझान बता रहे हैं कि जनता ने विकास के नाम पर वोट दिया है और धर्म के आधार पर विभाजन के राजनीतिक दलों के प्रयासों को नकार दिया गया है।

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