लोकसभा में हमें अपने जवानों के सम्मान में नहीं बोलने दिया गया, चर्चा से डरती है सरकार: कांग्रेस
कांग्रेस नेता के मुताबिक, 1962 के युद्ध के समय अटल बिहारी वाजपेयी के आग्रह पर तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने चर्चा पर सहमति दी थी और संसद में चर्चा हुई। लेकिन इस सरकार ने हमारा कोई निवेदन नहीं माना।
कांग्रेस के सांसदों ने रक्षा मंत्री के बयान के बाद आसन से बोलने की अनुमति नहीं मिलने पर सदन से वाकआउट किया और संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना देकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कुछ सांसदों ने हाथों में तख्तियां ले रखीं थी जिन पर ‘मन की बात बहुत सुनी, अब चीन की बात हो’ लिखा हुआ था। चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कांग्रेस के लिए देश सर्वोच्च है। हमारी सेना का हौसला और बहादुरी हमारे लिए गर्व का विषय होता है। जब सदन में लद्दाख का जिक्र करते हुए सरकार की तरफ से बात रखी गई तो हमने अपने जवानों के प्रति सम्मान जताने के लिए एक मिनट का समय मांगा।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘सवाल बहुत हैं, लेकिन हम जानते हैं कि सरकार इन सवालों का जवाब नहीं देना चाहती है।#WATCH: Hamara maang sirf ek hi tha ki desh hamara bhi hai, ye desh sirf Rajnath Singh ji ka nahi, ye desh hum sab ka hai...: Congress MP Adhir Ranjan Chowdhury after Congress MPs staged walkout from Lok Sabha demanding discussion on India-China border issue #MonsoonSession pic.twitter.com/oIsKGe5b8C
— ANI (@ANI) September 15, 2020
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कांग्रेस नेता के मुताबिक, 1962 के युद्ध के समय अटल बिहारी वाजपेयी के आग्रह पर तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने चर्चा पर सहमति दी थी और संसद में चर्चा हुई। लेकिन इस सरकार ने हमारा कोई निवेदन नहीं माना। चौधरी ने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि सरकार हमारे सवालों से डरती है।’’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘राजनाथ सिंह ने सदन में जवानों के सम्मान में प्रस्ताव रखा तो प्रधानमंत्री को सदन में होना चाहिए था। वह सदन में मौजूद क्यों नहीं थे?’’ चौधरी ने आरोप लगाया कि सरकार चर्चा से डरती है क्योंकि उसके पास कोई जवाब नहीं है।
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