कांग्रेस स्टॉकहोम सिंड्रोम से ग्रस्त, मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था को बनाया गतिशील: भाजपा
भाजपा सदस्य ने कहा कि वित्त विधेयक में सबसे बड़ा प्रस्ताव बेनामी लेनदेन अधिनियम में संशोधन करने का किया गया है। इसमें पुराने विवादों के निपटारे के लिए भी एक तंत्र गठित करने का प्रस्ताव किया गया है।
नयी दिल्ली। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पर सबसे ज्यादा ज्ञानवान होने के ‘‘स्टॉकहोम सिंड्रोम’’ से ग्रसित होने का आरोप लगाया और कहा कि मोदी सरकार ने पूर्ववर्ती संप्रग सरकार से विरासत में मिली जर्जर अर्थव्यवस्था, कर आतंकवाद की व्यवस्था एवं नीतिगत पंगुता से निकालकर सबसे तेज गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनाने का काम किया है। लोकसभा में ‘वित्त (संख्यांक 2)विधेयक-2019’ पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए निशिकांत दूबे ने कहा कि कांग्रेस को लगता है कि दुनिया में सबसे ज्ञानी वही है, वह ‘‘स्टॉकहोम सिंड्रोम’’ से ग्रस्त है । सदन में कांग्रेस के नेता ने बजट पर चर्चा की और 1947 का जिक्र किया लेकिन उस वक्त डॉलर और रूपये की क्या समता थी, इस पर सोचना चाहिए था। उन्होंने कहा कि जब केंद्र में भाजपा नीत सरकार 2014 में सत्ता में आई उस वक्त देश की अर्थव्यवस्था बदहाल थी। उस वक्त जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 4. 5 फीसदी थी। साथ ही, देश में नीतिगत पंगुता (पॉलिसी पारालाइसिस) और कर आतंकवाद (टैक्स टेरररिज्म) की स्थिति थी। मोदी सरकार ने देश को इस स्थिति से निकाल कर अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने का काम किया है।
Dr. @nishikant_dubey on Legislative Business: Bill for consideration and passing: The Finance (No.2) Bill, 2019 in Lok Sabha. https://t.co/nRzFruKBHt
— BJP LIVE (@BJPLive) July 18, 2019
भाजपा सदस्य ने कहा कि वित्त विधेयक में सबसे बड़ा प्रस्ताव बेनामी लेनदेन अधिनियम में संशोधन करने का किया गया है। इसमें पुराने विवादों के निपटारे के लिए भी एक तंत्र गठित करने का प्रस्ताव किया गया है। दूबे ने कहा कि सरकार ने धन शोधन निवारण कानून (पीएमएलए) में संशोधन के जरिए एक एजेंसी के दूसरे एजेंसी के साथ तालमेल बिठाने का मार्ग प्रशस्त किया। उन्होंने कहा, ‘‘पहले सबसे बड़ा सवाल यह था कि एक एजेंसी दूसरे एजेंसी से बात नहीं करती थी। सूचना का आदान प्रदान के लिए कोई तंत्र नहीं था। कानून में मौजूद खामियों का फायदा उठा लिया जाता था।’’ दूबे ने कहा कि कि आतंकवाद को मुहैया किया जाने वाला धन (टेरर फंडिंग) आज सबसे बड़ा मुद्दा है। उन्होंने कहा, ‘‘पीएमएलए में संशोधन करने से यह फायदा हुआ इस देश में जो चोरी करेगा, वह अंदर (जेल में) जाएगा।’’ उन्होंने कालाधन कानून में संशोधन का भी जिक्र किया। उन्होंने कमोडिटी एक्सचेंज अधिनियम का जिक्र करते हुए कहा कि इसे पूर्व में उपयुक्त रूप से लागू नहीं किया गया था जिसके चलते सारी चीजों के दाम बढ़ गए थे।
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उन्होंने कहा कि सीबीडीटी की 2012 की रिपोर्ट में भी इस बात का जिक्र किया गया था कि इस अधिनियम में मौजूद कमोडिटी एक्सचेंज टैक्स ‘सीटीटी’ का क्रियान्वयन नहीं करना कालाधन का एक बड़ा कारण था। उन्होंने सारदा चिट फंड, पीयरलेस से लेकर रोजवैली घोटाला आदि का भी जिक्र किया। उन्होंने उत्तर प्रदेश में चीनी मिलों के बंद होने और आंध्र प्रदेश में हुए जमीन घोटाले का जिक्र किया और कहा कि ऐसी स्थिति को रोकने के लिए भी पीएमएल में प्रावधान किए गए हैं। दूबे ने आरोप लगाया कि रियल इस्टेट कालाधन का बड़ा स्रोत है, हमने इसे भी रोकने के लिए कानून लाने का काम किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नीत सरकार के दौरान घरेलू माल ढुलाई (फ्रेट) और निर्यात के लिये माल ढुलाई को अलग करने से 30,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि हो सकता है कि इस (वित्त) विधेयक में कई प्रस्ताव लोगों को चुभोने वाले हों...लेकिन आखिरकार इससे सबका कल्याण होगा।
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