छत्तीसगढ़ में आयकर विभाग के छापे के विरोध में कांग्रेस का केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन
छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार के अधिकारियों और अन्य लोगों के यहां आयकर विभाग के छापे के विरोध में सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी ने शनिवार को राजधानी रायपुर में प्रदर्शन किया और केंद्र पर राज्य सरकार को अस्थिर करने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
रायपुर। छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार के अधिकारियों और अन्य लोगों के यहां आयकर विभाग के छापे के विरोध में सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी ने शनिवार को राजधानी रायपुर में प्रदर्शन किया और केंद्र पर राज्य सरकार को अस्थिर करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सिविल लाइंस इलाके में स्थित आयकर विभाग के कार्यालय का घेराव करने की कोशिश की लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने उन्हें रोक लिया। मरकाम ने संवाददाताओं से कहा,‘‘ हमारी पार्टी ने छत्तीसगढ़ में 15 वर्ष भाजपा सरकार के कुशासन के खिलाफ लड़ाई लड़ी और अब हम केंद्र में (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी सरकार के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार हैं।’’ उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है और राज्य में मजबूत कांग्रेस सरकार को बदनाम करने की साजिश की जा रही है। मरकाम ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य में पिछले भाजपा शासन के कुकर्मों को उजागर किया है। इसलिए हताशा में केंद्र ने भय और आतंक का माहौल बनाने के लिए गलत इरादे के साथ छापा मारा है।
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इससे पहले काग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने गांधी मैदान में धरना दिया और आयकर विभाग के दफ्तर की ओर रवाना हुए। पुलिस ने शहर के आकाशवाणी चौक के करीब अवरोधक लगाकर कांग्रेस प्रदर्शनकारियों को रोक लिया। लेकिन कुछ कार्यकर्ता आयकर विभाग के दफ्तर के समीप पहुंच गए और वहां उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ नारे लगाए। जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शन और घेराव की सूचना के बाद लगभग दो सौ पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था। कांग्रेस कार्यकर्ता आकाशवाणी के करीबबैरिकेड तोड़ने में सफल हो गए और आयकर विभाग के दफ्तर के करीब पहुंचने में सफल रहे। लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें कार्यालय में प्रवेश करने से रोक दिया। प्रदर्शन के दौरान मरकाम ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के नाम एक ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा। ज्ञापन में, कांग्रेस ने राष्ट्रपति से इस मामले में हस्तक्षेप करने और केंद्र सरकार को राज्य सरकार के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग को रोकने का निर्देश देने की मांग की है।
इधर शनिवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नियमित विमान से अचानक रायपुर से दिल्ली के लिए रवाना हुए और देर शाम दिल्ली नहीं पहुंचकर जयपुर होते हुए वापस लौट आए। दिल्ली जाने से पहले स्वामी विवेकानंद विमानतल में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान बघेल ने कहा कि पिछले तीन दिनों से छापेमारी चल रही है, इसके बारे में राज्य सरकार को कोई जानकारी नहीं दी गई है। बघेल ने कहा,‘‘ हमें छापे से कोई समस्या नहीं है। हम भी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे हैं। लेकिन इसके बारे में राज्य सरकार को जानकारी दी जानी चाहिए थी।’’
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उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की जानकारी के बिना आयकर विभाग पिछले तीन दिनों से राज्य में छापेमारी कर रहा है। केंद्रीय बल जगदलपुर (बस्तर) से रायपुर की ओर लगातार आना जाना कर रहा है। अगर कुछ भी होता है तब कौन जिम्मेदार होगा। कानून व्यवस्था की स्थिति का ध्यान रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। यह नक्सल प्रभावित राज्य है और उन्हें इसकी संवेदनशीलता को समझना चाहिए। सूत्रों के अनुसार आयकर अधिकारियों ने गुरुवार को छत्तीसगढ़ सरकार के अधिकारियों और अन्य लोगों से जुड़े लगभग 25 परिसरों में छापा मारा था।
आयकर विभाग ने कथित तौर पर राज्य में उद्योग विभाग के संयुक्त सचिव ए के टुटेजा, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी और पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड, रायपुर के महापौर एजाज ढेबर और उनके भाई अनवर ढेबर के परिसरों में छापे की कार्रवाई की है।
शुक्रवार को दुर्ग जिले के भिलाई शहर में मुख्यमंत्री के उप सचिव सौम्या चौरसिया के घर और अन्य लोगों के यहां छापे मारे गए। चौरसिया को मुख्यमंत्री के भरोसेमंद अधिकारियों में से एक माना जाता है। सूत्रों के मुताबिक चौरसिया के घर पर ताला लगा हुआ था, इसलिए आईटी अधिकारी पूरी रात बाहर रहे और उन्होंने उसका घर सील कर दिया। शनिवार को भी कुछ स्थानों पर छापेमारी जारी थी।
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