कांग्रेस के मठाधीश अधिवक्ता जिन्हें बार-बार राज्य सभा का सदस्य बनाया, चिदम्बरम की जमानत नहीं करा पाये: लक्ष्मण
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी चिदंबरम के लिये जमानत की कोशिश करने वाले वकीलों में शामिल थे। यह पहली बार नहीं है कि पांच बार के सांसद रहे सिंह ने अपनी पार्टी पर ही निशाना साधा है। सिंह दो बार भाजपा से भी सांसद रहे हैं।पिछले साल अप्रैल में जब कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में कमलनाथ का नाम तय कर रहा था तब सिंह ने ट्वीट किया था, ब्लूटूथ तकनीक के युग में कमलनाथ के नेतृत्व में चुनाव में जाना एचएमवी रिकॉर्ड चलाने की तरह है।’
भोपाल। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने पार्टी के बड़े नेताओं, जो देश के नामी वकील भी हैं, का नाम लिये बिना कटाक्ष करते हुए कि वह पूर्व केन्द्रीय मंत्री चिदम्बरम की जमानत भी नहीं करा पाये। चिदम्बरम आईएनएक्स मीडिया मामले में फिलहाल सीबीआई की हिरासत में है। विधायक लक्ष्मण सिंह ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘‘चिदंबरम जी निर्दोष सिद्ध हों,पार्टी की स्वच्छ छवि बने, यही कामना करते हैं, परंतु दुख इस बात का है कि हमारे सभी मठाधीश अधिवक्ता जिन्हें बार-बार राज्य सभा का सदस्य बनाया, उनकी जमानत नहीं करा पाये।’’
चिदंबरम जी निर्दोष सिद्ध हों,पार्टी की स्वच्छ छवि बने,यही कामना करते हैं,परंतु दुख इस बात का है कि हमारे सभी "म्ठा धीश "अधिवक्ता जिन्हें बार बार राज्य सभा का सदस्य बनाया,उनकी जमानत नहीं करा पाये।
— lakshman singh (@laxmanragho) August 23, 2019
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी चिदंबरम के लिये जमानत की कोशिश करने वाले वकीलों में शामिल थे। यह पहली बार नहीं है कि पांच बार के सांसद रहे सिंह ने अपनी पार्टी पर ही निशाना साधा है। सिंह दो बार भाजपा से भी सांसद रहे हैं।पिछले साल अप्रैल में जब कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में कमलनाथ का नाम तय कर रहा था तब सिंह ने ट्वीट किया था, ब्लूटूथ तकनीक के युग में कमलनाथ के नेतृत्व में चुनाव में जाना एचएमवी रिकॉर्ड चलाने की तरह है।’’वर्ष 2003 में मध्यप्रदेश से कांग्रेस के सत्ता से बाहर होने के बाद लक्ष्मण सिंह भाजपा में शामिल हुए और दो लोकसभा चुनाव भगवा पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर जीते। वर्ष 2010 में भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी की आलोचना करने पर उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया गया था। वह वर्ष 2013 में कांग्रेस में वापस लौटै।
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