मध्य प्रदेश में आयकर छापे की जद में आए तोमर के भाजपा नेताओं से संबंधों को लेकर कांग्रेस ने लगाए गंभीर आरोप
मिश्रा ने मुख्यमंत्री और मंत्री अरविंद भदौरिया के साथ सोशल मीडिया पर परस्पर वाइरल हुए संबंधों को भी सार्वजनिक करते हुये कहा कि उसमें कमलनाथ सरकार गिराने से सम्बंधित संकेत भी स्पष्ट नजर आ रहे हैं। जिससे साफ हो रहा है कि भाजपा ने मंत्री भदौरिया के माध्यम से तोमर के कालेधन का उपयोग विधायकों की खरीद-फरोख्त में किया।
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित इंदौर में आयकर छापे की कार्यवाही की जद में आये राघवेंद्र सिंह तोमर को लेकर कांग्रेस ने गंभीर आरोप लगाए है। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया प्रमुख (ग्वालियर-चम्बल संभाग) के.के. मिश्रा ने राघवेन्द्र सिंह तोमर को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान और मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया का अत्यंत करीबी बताया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि तोमर व्यापमं महाघोटाले का भी एक बड़ा किरदार था। एसटीएफ ने इसकी गिरफ्तारी भी की थी, धारा-164 में कोर्ट के समक्ष दिए गए बयान इसने आरोपों को भी स्वीकारा था। किन्तु बाद में मुख्यमंत्री के दबाव में इसे सरकारी गवाह बना दिया गया था। मुख्यमंत्री से इसकी करीबी का प्रमाण देते हुए मैंने मुख्यमंत्री के साथ बैठे होते हुई उनकी कार ड्राइव करने वाली तस्वीर भी बतौर साक्ष्य प्रस्तुत की थी !
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मिश्रा ने मुख्यमंत्री और मंत्री अरविंद भदौरिया के साथ सोशल मीडिया पर परस्पर वाइरल हुए संबंधों को भी सार्वजनिक करते हुये कहा कि उसमें कमलनाथ सरकार गिराने से सम्बंधित संकेत भी स्पष्ट नजर आ रहे हैं। जिससे साफ हो रहा है कि भाजपा ने मंत्री भदौरिया के माध्यम से तोमर के कालेधन का उपयोग विधायकों की खरीद-फरोख्त में किया। यही नहीं भाजपा के कई नेताओं-मंत्रियों की काली कमाई भी तोमर के आधिपत्य वाले फेथ बिल्डर्स में लगी हुई है। मंत्री जी ने तो कोरोना पॉजिटिव होने के बाद सपत्नीक तोमर की एकेडमी में कई दिनों तक आराम भी फरमाया। कांग्रेस मीडिया प्रभारी (ग्वालियर-चंबल संभाग) मिश्रा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी आग्रह किया है कि यदि वे वास्तव में राजनैतिक सुचिता के पक्षधर हैं तो माफियाओं के कालेधन से खरीदी गई शिवराज सरकार को तत्काल बर्खास्त करवाएं। के.के.मिश्रा ने कहा कि क्योंकि आयकर विभाग की इस कार्यवाही में मुख्यमंत्री सहित अन्य मंत्रियों व उनके परिवार की संलिप्तता सार्वजनिक हो गई है। भ्रष्ट आचरण के आकंठ में स्पष्टताः डूबी राज्य सरकार को क्या बने रहना न्यायपूर्ण होगा ?
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