चुनावों में नक्सलियों से सहयोग लेने के आरोप से कांग्रेस नेता अजय कुमार बरी
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं जमशेदपुर से पूर्व सांसद डॉ अजय कुमार को रांची की विशेष सांसद-विधायक (एमपी-एमएलए)अदालत ने बुधवार को चुनाव के दौरान नक्सली समर से कथित सहयोग लेने के आरोप से मुक्त कर दिया।
रांची। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं जमशेदपुर से पूर्व सांसद डॉ अजय कुमार को रांची की विशेष सांसद-विधायक (एमपी-एमएलए)अदालत ने बुधवार को चुनाव के दौरान नक्सली समर से कथित सहयोग लेने के आरोप से मुक्त कर दिया। रांची की विशेष सांसद-विधायक (एमपी-एमएलए)अदालत के न्यायाधीश दिनेश कुमार ने जुलाई, 2011 में जमशेदपुर लोकसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव के दौरान नक्सली समर से सहयोग लेने के आरोपी डॉ अजय कुमार को साक्ष्य के अभाव में बुधवार को बरी किया।
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इससे पहले कुमार ने मंगलवार को अदालत में उपस्थित होकर अपना बयान दर्ज कराया था। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। यह उपचुनाव पूर्व आईपीएस अजय कुमार ने अर्जुन मुंडा के इस्तीफे से खाली सीट पर बाबूलाल मरांडी की झारखंड विकास मोर्चा पार्टी के टिकट पर जीता था। भाजपा नेता दिनेशानंद गोस्वामी ने 2011 में जमशेदपुर के साकची थाना में कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। गोस्वामी ने आरोप लगाया था कि कुमार ने चुनाव जीतने के लिए नक्सली समर से मदद ली और मतदाताओं को प्रभावित किया। उन्होंने नक्सली समर और अजय कुमार की कथित बातचीत की एक सीडी भी उपलब्ध कराई थी।
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इस मामले की जांच सीआईडी को सौंप दी गई। सीआईडी ने अदालत में इस मामले में अंतिम प्रपत्र दाखिल कर दिया। लेकिन जमशेदपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सीआईडी की रिपोर्ट का अवलोकन करते हुए 29 अप्रैल 2014 को कुमार एवं प्रभात भुईयां के विरुद्ध मामले में संज्ञान लेते हुए समन जारी किया था। इसके बाद कुमार जमशेदपुर न्यायालय में हाजिर हुए। अदालत ने इस मामले में उनके खिलाफ आरोप तय किये थे। सुनवाई के दौरान इस मामले में शिकायतकर्ता दिनेशानंद गोस्वामी और सरयू राय गवाही देने ही नहीं आये। इस पर अदालत ने साक्ष्य के अभाव में कुमार को बरी कर दिया। गौरतलब है कि रांची में सांसदों एवं विधायकों से जुड़े मामलों के लिए विशेष अदालत गठित होने के बाद 26 सितंबर 2020 को कुमार का मुकदमा रांची पहुंचा था।
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