कांग्रेस का दावा, बजरंग दल से जुड़ा है टेरर फंडिंग मामले में गिरफ्तार व्यक्ति
मालूम हो कि सतना पुलिस ने बलराम सिंह, सुनील सिंह एवं शुभम मिश्रा को पाकिस्तान के विभिन्न फोन नम्बरों पर संपर्क कर बड़ी धनराशि के लेन-देन की जानकारी मिलने पर बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ एटीएस द्वारा भारतीय दंड विधान की धारा 123(युद्ध करने की परिकल्पना को सुगम बनाने के आशय से छिपाना) के तहत मामला दर्ज कर आगे की जांच की जा रही है।
भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस ने दावा किया है कि आतंकवादियों को पैसा पहुंचाने के आरोप में जिन तीन लोगों को बृहस्पतिवार को प्रदेश के सतना शहर से गिरफ्तार किया है, उनमें से एक बजरंग दल से जुड़ा हुआ है।हालांकि, भाजपा का कहना है कि हमें नहीं पता कि वह बजरंग दल का कार्यकर्ता है। जो भी अपराध करता है, सरकार उसकी जाति, मजहब एवं पार्टी बताने की बजाय उसके खिलाफ कार्रवाई करे।मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने शुक्रवार को बताया कि आतंकवादियों को पैसा पहुंचाने के आरोप में प्रदेश की सतना पुलिस ने जिन तीन लोगों को कल गिरफ्तार किया है, उनमें से बलराम सिंह बजरंग दल से जुड़ा हुआ है। उसे मध्यप्रदेश पुलिस ने पाकिस्तान के लिए जासूसी में, आईएसआई के एजेंट के रूप में काम करने एवं टेरर फंडिंग में दोबारा गिरफ़्तार किया है।
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उन्होंने कहा कि इसके पूर्व बलराम 8 फरवरी 2017 को भी भोपाल भाजयुमो के आईटी सेल संयोजक ध्रुव सक्सेना के साथ पाकिस्तान एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार हुआ था।सलूजा ने कहा कि मध्यप्रदेश में पिछले साल नवंबर में कांग्रेस सरकार बनने के बाद हर बड़ी आपराधिक घटना में भाजपा से जुड़े लोगों की भूमिका सामने आयी। चित्रकूट कांड से लेकर देवास, बड़वानी एवं मंदसौर हत्याकांडों में भी भाजपा से जुड़े लोगों के नाम और पाकिस्तान की जासूसी में भी भाजपा से जुड़े लोगों के नाम आये हैं। इसी बीच, मध्यप्रदेश भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने बताया, ‘‘हमें नहीं पता कि वह बजरंग दल से जुड़ा है। देश की सुरक्षा एंजेसियां कार्रवाई करती है, उन्हें कार्रवाई करने दिया जाये। जो भी अपराध करता है, सरकार उसका धर्म, मजहब एवं पार्टी बताने की बजाय उसके खिलाफ कार्रवाई करे।’’
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मालूम हो कि सतना पुलिस ने बलराम सिंह, सुनील सिंह एवं शुभम मिश्रा को पाकिस्तान के विभिन्न फोन नम्बरों पर संपर्क कर बड़ी धनराशि के लेन-देन की जानकारी मिलने पर बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ एटीएस द्वारा भारतीय दंड विधान की धारा 123(युद्ध करने की परिकल्पना को सुगम बनाने के आशय से छिपाना) के तहत मामला दर्ज कर आगे की जांच की जा रही है। इन तीनों ने वर्तमान प्रकरण में भी संगठित होकर उन्हीं पाकिस्तानी एजेन्टों को बैंक अकाउण्टों तथा एटीएम कार्ड की जानकारियां तथा धनराशियां भेजी गई हैं, जो की पहले भी योजनाबद्ध तरीके से युद्ध की स्थिति में सामरिक जानकारियां एकत्रित कर रहे थे। ये तीनों आरोपी और उनके साथी पाकिस्तान के उन्हीं हैण्डलर से पुन: संपर्क में आकर काम कर रहे हैं, जो कि भारत के विरूद्ध पूर्व में काम कर रहे थे।
ये तीनों आरोपी पाकिस्तान के एजेंटों द्वारा जुटाई जा रही युद्ध के लिए सामरिक जानकारी के लिए एवज में दी जाने वाली धन राशि लोगों को झांसा देकर ठगी के जरिए फर्जी बैंक खातों में प्राप्त कर रहे थे। साथ ही इन एजेंटों के निर्देशों पर धनराशि को ठिकाने लगा रहे थे।उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 में मध्यप्रदेश एटीएस द्वारा एक प्रकरण दर्ज कर बलराम, ध्रुव सक्सेना सहित 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। यह पूरा गिरोह पाकिस्तान के हैंडलेरों के निर्देशों पर फर्जी बैंक खाते खुलवाकर उनमें धनराशि प्राप्त कर रहा था और उसे ठिकाने लगा रहा था। इस काम में अवैध टेलिफोन एक्सचेंज भी स्थापित किए गए थे। साथ ही पाकिस्तान हैंडलरों से इंटरनेट कालिंग के जरिए बातचीत होती थी। पाकिस्तान के हैंडलरों द्वारा 100 से अधिक कान्टेक्ट नम्बरों से संपर्क किया जा रहा था।
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