कांग्रेस ने पूछा- कोरोना से वास्तविक मौतों और घोषित आंकड़ों में अंतर क्यों

Congress asked-
प्रतिरूप फोटो
दिनेश शुक्ल । May 14 2021 11:03PM

। ग्राउंड रिपोर्ट बताती है कि राजधानी से लगे 35 गांव के बीच में एक अस्पताल है जहां पर एक भी टीका नहीं लगाया गया है। रोज मौतें हो रही हैं और टेंट हाउस की बिछात पर कोविड सेंटर बना दिए गया है। इंजेक्शन लगाने की अनुमति नही है। सरकार द्वारा टीवी चैनलों के माध्यम से ग्राऊंड रिपोर्टिंग प्रायोजित की जा रही है।

भोपाल। मध्य प्रदेश में सार्थक पोर्टल पर दर्ज कोरोना से मौतों की संख्या और सरकार द्वारा घोषित मृतकों के आंकड़ों को लेकर प्रदेश कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। प्रदेश कांग्रेस के मीडिया उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा है कि पूरे प्रदेश में कोरोना से होने वाली मौतों के आंकड़ों के साथ सरकार किस तरह से खिलवाड़ कर रही है, यह तो अब जगजाहिर हो चुका है। लेकिन मध्यप्रदेश में सरकारी रिकॉर्ड में भी यह शर्मनाक हेराफेरी साफ साफ दिखाई पड़ रही है।

 

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गुप्ता ने कहा कि सार्थक पोर्टल और सरकार के हेल्थ बुलेटिन में मौतों के आंकड़े में 10 गुना अंतर है, जो मध्यप्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था के नाम पर कलंक है। झूठी जानकारियां, संदिग्ध पॉजिटिविटी की दर, दवाओं का अपारदर्शी वितरण, घटिया मशीनों की खरीद, सरकार के नियमित समाचार बन गये हैं। चारों तरफ झूठी खबरें और संगठित लूट ही सामने आ रही है। उन्होंने कहा कि देश के प्रमुख अखबार बता रहे हैं कि भोपाल में 13 दिन में कोविड से 883 मौतें हुई हैं जबकि सरकारी बुलेटिन में सिर्फ 81 ही दर्ज हैं। गुप्ता ने इस मामले में एनआरएचएम की सफाई को भी आपत्तिजनक बताते हुए मांग की कि एनआरएचएम मौतों की जिला बार संख्या को सार्थक पोर्टल के आंकड़ों से मिलान करके सार्वजनिक करे। आंकड़ों की यह हेराफेरी प्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता के साथ धोखा है ।

 

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भूपेन्द्र गुप्ता ने कहा कि हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था चौपट हो चुकी हैं। शहडोल मेडिकल कॉलेज विगत 4 महीनों से सुर्खियों में है। शहडोल में 59 प्रतिशत पॉजिटिविटी रेट है। भारत के सर्वाधिक इन्फेक्टेड जिलों में शहडोल छठवां है। इसी तरह मुख्यमंत्री के पुराने चुनाव क्षेत्र विदिशा में 48 फीसदी पॉजिटिविटी रेट मध्य प्रदेश को शर्मसार करने वाला है। ग्राउंड रिपोर्ट बताती है कि राजधानी से लगे 35 गांव के बीच में एक अस्पताल है जहां पर एक भी टीका नहीं लगाया गया है। रोज मौतें हो रही हैं और टेंट हाउस की बिछात पर कोविड सेंटर बना दिए गया है। इंजेक्शन लगाने की अनुमति नही है। सरकार द्वारा टीवी चैनलों के माध्यम से ग्राऊंड रिपोर्टिंग प्रायोजित की जा रही है।

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