कांग्रेस ने मोदी सरकार पर लगाया किसानों की अनदेखी का आरोप, कहा- सम्मान योजना के नाम पर किया अपमान
कांग्रेस ने कहा कि किसान सम्मान निधि योजना के तहत प्रति किसान हर साल मात्र छह हजार रुपये दिए जा रहे हैं। पांच लोगों के परिवार के लिए इस राशि के क्या मायने हैं। यह सम्मान नहीं, अपमान है।
नयी दिल्ली। कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार पर मुश्किल का सामना कर रहे किसानों की सुध नहीं लेने का मंगलवार को आरोप लगाते हुए दावा किया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत एक किसान को सिर्फ 6000 रुपये की वार्षिक राशि का प्रावधान करके देश के किसानों का अपमान किया गया है। लोकसभा में ‘वर्ष 2019-20 के लिए ग्रामीण विकास तथा कृषि और किसान कल्याण मंत्रालयों के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों’ पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस सदस्य एन उत्तम कुमार रेड्डी ने यह भी कहा कि उर्वरकों और कृषि उपकरणों पर जीएसटी खत्म की जाए या फिर इन पर जीएसटी की न्यूनतम दर लागू हो।
वर्ष 2019-20 के लिए ग्रामीण विकास तथा कृषि और किसान कल्याण मंत्रालयों के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर चर्चा #LokSabha #TodayInLokSabhahttps://t.co/TKAFahsI2g pic.twitter.com/cML9abJRX6
— Lok Sabha TV (@loksabhatv) July 16, 2019
उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की बातें कर रही है, लेकिन किसानों की समस्याओं के निदान के लिए उसने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इस सरकार ने सिर्फ बातें की हैं। रेड्डी ने सवाल किया कि क्या सरकार के पास ऐसी कोई रिपोर्ट है जिससे वह बता सके कि पिछले तीन वर्षों में किसानों की आय में कितनी बढ़ोतरी हुई है? उन्होंने कहा कि किसान सम्मान निधि योजना के तहत प्रति किसान हर साल मात्र छह हजार रुपये दिए जा रहे हैं। पांच लोगों के परिवार के लिए इस राशि के क्या मायने हैं। यह सम्मान नहीं, अपमान है।
इसे भी पढ़ें: तीन वर्षों में सीमापार घुसपैठ की हुईं 398 घटनाएं, मारे गए 126 घुसपैठी
कांग्रेस सदस्य ने यह आरोप भी लगाया कि स्वामीनाथन फार्मूले के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का वादा करने वाली यह सरकार इस वादे से मुकर गई और अब उसने जो एमएसपी तय किया है उस पर भी किसानों की उपज नहीं खरीदी जा रही है। उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का किसानों को कोई फायदा नहीं मिल रहा है और इससे सिर्फ कुछ बीमा कंपनियों को लाभ पहुंच रहा है। रेड्डी ने कहा कि मनरेगा के तहत काम करने वाले श्रमिकों की सेवा कृषि क्षेत्र से जुड़े कार्यों में लेनी चाहिए ताकि ग्रामीण एवं कृषि क्षेत्र को मजबूती मिल सके।
अन्य न्यूज़