जुमे की नमाज के बाद नहीं भड़के हिंसा, इसके लिए देशभर में कड़े सुरक्षा प्रबंध जारी
लखनऊ, जहाँ गुरुवार को जमकर बवाल हुआ था वहां राज्य सरकार ने शनिवार दोपहर तक मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद कर दी हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने इस संबंध में गुरुवार की देर रात निर्देश जारी किया।
संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ देश के कई शहरों में गुरुवार को निषेधाज्ञा आदेशों का उल्लंघन करते हुए छात्रों समेत हजारों की संख्या में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किये। इस दौरान कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ हिस्सों में हिंसा हुई जिनमें तीन लोगों की मौत हो गयी। सवाल यह है कि जो लोग सार्वजनिक संपत्ति को आग लगा रहे हैं, थाने फूंक रहे हैं, सुरक्षा बलों पर पथराव कर रहे हैं क्या वह नागरिक कहलाये जाने के लायक हैं?
G Kishan Reddy,MoS Home: Appeal to people to not protest.There is not a single word or line against any Indian citizen in #CitizenshipAmendmentAct. I also ask political parties and intellectuals who are misleading people, are you trying to divide people on basis of religion? pic.twitter.com/scyDJ3TGWY
— ANI (@ANI) December 20, 2019
लखनऊ
हालात को संभालने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें लगातार मशक्कत कर रही हैं और आज भी देशभर में सुरक्षा के कड़े इंतजामात किये गये हैं। कई जगहों से इस प्रकार की रिपोर्टें हैं कि सुरक्षा बलों की छुटि्टयां रद्द कर दी गयी हैं। लखनऊ, जहाँ गुरुवार को जमकर बवाल हुआ था वहां राज्य सरकार ने शनिवार दोपहर तक मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद कर दी हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने इस संबंध में गुरुवार की देर रात निर्देश जारी किया। अवस्थी ने सरकारी आदेश में कहा है, ‘‘यह आदेश 19 दिसंबर को दोपहर बाद तीन बजे से 21 दिसंबर को दोपहर 12 बजे तक प्रभावी रहेगा।’’ आज जुमे की नमाज होने की वजह से किसी तरह की कोई अशांति पैदा न हो, इस वजह से प्रशासन ने यह कदम उठाया है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिंसक प्रदर्शन पर सख्त रुख अपनाया था और सार्वजनिक संपत्ति को हुई नुकसान की भरपाई उपद्रवियों की संपत्ति से करने की बात की थी।
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अलीगढ़
उधर, अलीगढ़ में पिछले कई दिनों से जारी विरोध प्रदर्शन और शुक्रवार को जुमे की नमाज के मद्देनजर रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने जिले में रेड अलर्ट घोषित कर दिया है। जिले में एहतियात के तौर पर 10 कंपनी पीएसी, चार कंपनी रैपिड एक्शन फोर्स और 83 मजिस्ट्रेट तैनात कर दिए गए हैं। जिले में इंटरनेट पर लगी रोक आज पांचवें दिन भी जारी है। इससे कारोबार और बैंकिंग सेवाएं में खासी प्रभावित हुई हैं। अधिकारियों का कहना है कि आज जुमे की नमाज में लोगों की भीड़ इकट्ठा होने के मद्देनजर कड़ी चौकसी बरती जा रही है।
दिल्ली
दूसरी ओर, दिल्ली पुलिस ने फेसबुक और ट्विटर सहित विभिन्न सोशल मीडिया मंचों से करीब 60 खातों से आपत्तिजनक सामग्री हटाने और उन्हें निष्क्रिय करने के लिए पत्र लिखा है। एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि पुलिस संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ अफवाहों को रोकने के लिए काम कर रही है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने लोगों से अफवाह फैलाने वाले यूजर्स के खातों की जानकारी देने की भी अपील की है। इस बीच, दिल्ली में विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर बंद किए गए जामिया मिल्लिया इस्लामिया और जसोला विहार शाहीन बाग मेट्रो स्टेशनों को शुक्रवार को खोल दिया गया। दिल्ली पुलिस के अनुरोध के बाद राष्ट्रीय राजधानी में बृहस्पतिवार को कम से कम 20 मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए गए थे। दिल्ली में जगह-जगह पर पुलिस का कड़ा पहरा जारी है।
Delhi Police: The Police is keeping an eye through five drone cameras in North East Delhi. Section 144 has been imposed in 12 out of 14 stations of North East Delhi. Police is conducting flag march and keeping a close watch on social media accounts. #CitizenshipAct pic.twitter.com/9aH7TrzonP
— ANI (@ANI) December 20, 2019
पश्चिम बंगाल
इसके अलावा पश्चिम बंगाल में स्थिति शांतिपूर्ण है और संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में शुक्रवार को हिंसा की कोई ताजा घटना होने की सूचना नहीं है। शुक्रवार दोपहर में एक खास समुदाय के धार्मिक जमावड़े को देखते हुए राज्य के कई हिस्सों में सतर्कता बढ़ा दी गई है। कोलकाता पुलिस के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी शहर के कई पुलिस संभाग में स्थानीय सामुदायिक नेताओं से मुलाकात करेंगे। नागरिकता कानून के खिलाफ राज्य में 13 से 17 दिसंबर के बीच हिंसक प्रदर्शन हुए थे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अल्पसंख्यक बहुल पार्क सर्कस क्षेत्र में एनआरसी और सीएए के विरोध में आज सभा करेंगी। राज्य में पूर्वी रेलवे क्षेत्र में हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए कई ट्रेनें रद्द कर दी गई है। हालांकि कोलकाता से उत्तरी बंगाल और असम जाने वाली ट्रेन सेवाएं आंशिक रूप से बहाल कर दी गई हैं।
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असम
असम में शुक्रवार को मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई। संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन के मद्देनजर 10 दिन पहले यहां इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी गई थी। निजी टेलिकॉम संचालक एयरटेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार सुबह नौ बजे प्रतिबंध हटा दिया गया। उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि हमें इंटरनेट बंद करने का कोई नया आदेश नहीं मिला था इसलिए हमने सुबह नौ बजे से प्रतिबंध हटा दिया।’’ राज्य सरकार ने कहा था कि मोबाइल इंटरनेट सेवा शुक्रवार से बहाल कर दी जाएगी हालांकि गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार शाम पांच बजे ही इंटरनेट सेवा बहाल करने के आदेश दे दिए थे। असम में ब्रॉडबैंड सेवा पहले ही बहाल हो चुकी है।
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