कांग्रेस में मचे बवाल पर बोले चिदंबरम, यह कुछ असंतोष है जो बदलाव लाता है

Chidambaram
अंकित सिंह । Aug 25 2020 7:59AM

सात घंटे तक चली पार्टी की निर्णय लेने वाली शीर्ष संस्था सीडब्ल्यूसी की बैठक में सोनिया गांधी और राहुल गांधी का हाथ हरसंभव तरीके से मजबूत करने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया। साथ ही यह स्पष्ट किया गया कि किसी को भी पार्टी नेतृत्व को कमजोर करने या कमतर करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

कांग्रेस में उठे नेतृत्व संकट के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने बड़ा बयान दिया है। पी चिदंबरम ने कहा कि जिन लोगों ने पत्र लिखा है वे निश्चित रूप से भाजपा के विरोधी हैं जैसा कि मैं हूं या राहुल गांधी हैं। हमेशा असंतोष होता है, वास्तव में, यह कुछ असंतोष है जो बदलाव लाता है। जब तक असंतोष नहीं होगा, परिवर्तन नहीं होगा। मैं कभी नहीं कहता कि सब ठीक है। क्या समुद्र की लहरें कभी खामोश हो जाती हैं, समुद्र में हमेशा लहरें होती रहेंगी। हमेशा कुछ असंतोष रहेगा। आज हमने कुछ मुद्दों को संबोधित किया है। मुझे लगता है कि आगे जाकर पार्टी मजबूत और अधिक सक्रिय हो जाएगी।

राहुल गांधी की कथित टिप्पणी पर पी चिदंबरम ने कहा कि यह स्पष्ट किया गया है, किसी ने भी यह बयान नहीं दिया है। किसी ने यह आरोप नहीं लगाया कि भाजपा के साथ कोई भी सांठगांठ कर रहा था। कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) में सोनिया गांधी को संगठन स्तर पर सुधार करने के लिए लिखी गई चिट्ठी पर हुई बहस के बाद पत्र लिखने वाले कपिल सिब्बल, शशि थरूर सहित कुछ वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने सोमवार शाम को गुलाम नबी आजादी के आवास पर बैठक की। सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में हुई इस बैठक में मुकुल वासनिक और मनीष तिवारी के साथ-साथ पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले कुछ अन्य नेता भी शामिल हुए। 

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उन्होंने बताया कि नेताओं ने सीडब्ल्यूसी में पारित प्रस्ताव पर चर्चा की जिसमें सोनिया गांधी को अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) का सत्र होने तक अंतरिम अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी निभाने और पार्टी के समक्ष आ रही चुनौतियों से निपटने के लिए संगठन स्तर पर जरूरी बदलाव करने के लिए अधिकृत किया गया है। सूत्रों ने बताया कि कोई भी नेता अपने विचार को लेकर टिप्पणी करने पर सहमत नहीं हुआ। यह बैठक सीडल्ब्यूसी की बैठक खत्म होने के कुछ देर बाद हुई। पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले 23 नेताओं में कुछ ही सीडब्ल्यूसी के सदस्य हैं। गौरतलब है कि सात घंटे तक चली पार्टी की निर्णय लेने वाली शीर्ष संस्था सीडब्ल्यूसी की बैठक में सोनिया गांधी और राहुल गांधी का हाथ हरसंभव तरीके से मजबूत करने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया। साथ ही यह स्पष्ट किया गया कि किसी को भी पार्टी नेतृत्व को कमजोर करने या कमतर करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

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