Chhattisgarh को मिला आदिवासी मुख्यमंत्री, जानें Vishnu Deo Sai के बारे में जो रहे हैं सासंद और मंत्री
इसके अलावा रमन सिंह के भी काफी करीबी माने गए हैं। वैष्णो देवी साईं वर्ष 1999 से 2014 तक रायगढ़ से सांसद रहे हैं। इसके बाद मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान वह केंद्रीय मंत्री भी बन चुके हैं। हालांकि वर्ष 2019 में उन्हें भाजपा ने टिकट नहीं दिया था।
लंबी चर्चाओं की दौड़ के बाद भाजपा ने छत्तीसगढ़ को उसका नया मुख्यमंत्री दे दिया। आदिवासी समुदाय का बड़ा चेहरा माने जाने वाले विष्णु देव साय को छत्तीसगढ़ का अगला मुख्यमंत्री घोषित किया है, जो कि पूर्व केंद्रीय मंत्री भी रह चुके है। बीजेपी काफी समय से कह रही थी कि आदिवासी समुदाय को उचित सम्मान दिया जाएगा। विष्णु देव साय को मुख्यमंत्री बनना भी इसकी शुरुआत का ही एक पहलू माना जा रहा है।
कुनकुरी विधानसभा से आने वाले विष्णु देवता राज्य के आदिवासी समुदाय का चेहरा माने जाते हैं जो राज्य की सबसे बड़ी आबादी है। बता दें कि अजीत जोगी के बाद छत्तीसगढ़ में कोई और मुख्यमंत्री बीजेपी का नहीं बना है। विष्णु देव साइन की बात करें तो वर्ष 2020 में वह बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। इससे पहले वह सांसद और केंद्रीय मंत्री की जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं। वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के करीबी नेताओं में शुमार किए जाते हैं। इसके अलावा रमन सिंह के भी काफी करीबी माने गए हैं। वैष्णो देवी साईं वर्ष 1999 से 2014 तक रायगढ़ से सांसद रहे हैं। इसके बाद मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान वह केंद्रीय मंत्री भी बन चुके हैं। हालांकि वर्ष 2019 में उन्हें भाजपा ने टिकट नहीं दिया था।
बता दें कि विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ की रायगढ़ सीट से चार बार के विधायक है। वो लोकसभा में रायगढ़ का प्रतिनिधित्व भी कर चुके है। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वो केंद्रीय मंत्री बनाए गए थे। वहीं वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनावों के बाद राज्य में उन्हें पार्टी अध्यक्ष बनाया गया था। इसके बाद वर्ष 2019 में उन्हें लोकसभा चुनाव में नहीं उतारा गया। अब वो छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बनाए गए है। वो राज्य में बड़े आदिवासी नेता माने जाते है। बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए पार्टी ने आदिवासी समुदाय से आने वाले साव के नाम पर महुर लगाई है। राज्य में आदिवासी समुदाय 30 प्रतिशत से भी अधिक है।
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