कलेक्टर पद से इस्तीफा देने वाले चौधरी शामिल हुए भाजपा में

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[email protected] । Aug 28 2018 7:25PM

छत्तीसगढ़ में रायपुर जिले के कलेक्टर पद से इस्तीफा देने के बाद भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी ओ पी चौधरी ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली है।

रायपुर। छत्तीसगढ़ में रायपुर जिले के कलेक्टर पद से इस्तीफा देने के बाद भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी ओ पी चौधरी ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली है। चौधरी ने कुछ देर पहले फ़ेसबुक के माध्यम से जानकारी दी है कि उन्होंने ‘‘ कर्तव्य पथ पर जो भी मिला, यह भी सही, वह भी सही..वरदान नहीं मागूँगा, हो कुछ, पर हार नहीं मानूँगा’’...अटल जी के इन शब्दों को दिल में रखते हुए भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और मुख्यमंत्री रमन सिंह की उपस्थिति में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है।

इस दौरान चौधरी ने एक वीडियो जारी कर आईएएस छोड़कर राजनीति में प्रवेश करने के कारणों को बताया है। चौधरी ने कहा, ‘‘मेरे इस निर्णय के केंद्र में केवल और केवल आप हैं।’’

छत्तीसगढ़ी भाषा में जारी वीडियो में चौधरी ने कहा है कि आईएएस छोड़कर राजनीति में आने का निर्णय अच्छी तरह से सोच समझकर लिया गया है। आठ साल की उम्र में जब बाबूजी नहीं रहे और मां हम तीन बच्चों को स्कूल भेजती थी। वह स्कूल खपरैल का छत वाला था। उसमें पानी गिरता था।उस दौरान हम क्षेत्र के लोगों के लिए सपना देखते थे।

चौधरी ने कहा, ‘‘आईएएस की नौकरी में आने के बाद लोगों के लिए मैं जो कर सकता था उसे करने का पूरा प्रयास किया। लेकिन अब कलेक्टरशिप खत्म होने वाली थी और मंत्रालय की नौकरी शुरू होने वाली थी। ऐसी स्थिति में बचपन से अपने क्षेत्र के लोगों के लिए जो सपना देखता था उसे पूरा करने के लिए अब बंधन सा महसूस होने लगा था।’’

पिछले दिनों रायपुर के कलेक्टर ओ पी चौधरी ने अपनी सेवा से इस्तीफा दे दिया था। ऐसी अटकलें हैं कि वह आगामी विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार हो सकते हैं।

वर्ष 2005 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी रहे चौधरी को राज्य के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में शिक्षा में बदलाव लाने का श्रेय दिया जाता है। चौधरी के इस्तीफा देने के बाद कयास लगाया जा रहा था कि उन्हें भाजपा का रायगढ़ जिले की प्रतिष्ठित खारसिया सीट से आगामी विधानसभा चुनाव का टिकट मिल सकता है। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनावों से पहले बस्तर के दरभा क्षेत्र में झिरम घाटी नक्सली हमले में मारे गए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार पटेल के बेटे उमेश पटेल खरसिया विधानसभा क्षेत्र के मौजूदा विधायक हैं।

भाजपा सूत्रों के मुताबिक, सत्तारूढ़ दल इस सीट पर विजय हासिल करने के लिए एक उपयुक्त उम्मीदवार की तलाश कर रहा है। चौधरी से बेहतर चेहरा पार्टी के पास नहीं हो सकता है। राज्य के आईएएस अधिकारियों में चौधरी की क्षवि साफ सुथरी है। अपने गांव में स्कूल पूरा करने के बाद चौधरी ने भिलाई से स्नातक की उपाधि ली और वर्ष 2005 में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी बने। वह खरसिया विधानसभा क्षेत्र के ही निवासी हैं। 

चौधरी रायगढ़ जिले में अन्य पिछड़ा वर्ग के अघरिया समुदाय से आते हैं जिससे वर्तमान विधायक पटेल हैं। अघरिया पटेल को क्षेत्र में कांग्रेस का वोट बैंक माना जाता है। चौधरी के यहां से चुनाव लड़ने से कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लग सकती है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष धरम लाल कौशिक ने कहा है कि चौधरी का भाजपा में स्वागत है। वह ग्रामीण परिवेश से आए हैं। अपनी मेहनत से आईएएस अधिकारी बने। वह ऐसे व्यक्ति हैं जिनका गांव के लोगों से सीधा संपर्क रहा है। उन्हें योजनाओं और समस्या की जानकारी है। उसके निराकरण के उन्होंने सार्थक प्रयास किये हैं। भाजपा को इसका लाभ आने वाले समय में मिलेगा।

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