ताहिर हुसैन के खिलाफ आरोप तय, कोर्ट बोली- हिंदुओं के खिलाफ लोगों को भड़का रहे थे आरोपी
अदालत ने कहा, "सभी आरोपी हिंदुओं को निशाना बनाने में शामिल थे। कोर्ट ने कहा कि मामले में अदालत में पेश किए सबूतों, गवाहों के बयान से साफ है कि पहली नजर में ताहिर हुसैन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बनता है। साजिश के तहत जुटाई गई रकम का इस्तेमाल दंगा में किया गय।
आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता ताहिर हुसैन और पांच अन्य के खिलाफ 2020 के दिल्ली दंगों के सिलसिले में साजिश के आरोप तय करने के छह महीने बाद दिल्ली उच्च न्यायालय ने ताहिर हुसैन और सात अन्य के खिलाफ हत्या के प्रयास के आरोप तय किए। अदालत ने कहा, "सभी आरोपी हिंदुओं को निशाना बनाने में शामिल थे। कोर्ट ने कहा कि मामले में अदालत में पेश किए सबूतों, गवाहों के बयान से साफ है कि पहली नजर में ताहिर हुसैन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बनता है। साजिश के तहत जुटाई गई रकम का इस्तेमाल दंगा में किया गय।
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इस साल मई के महीने में, दिल्ली की अदालत ने पाया कि आरोपी ताहिर हुसैन (आप के पूर्व नेता) न केवल एक साजिशकर्ता था, बल्कि हिंसक झड़पों में एक सक्रिय दंगाई भी था। साजिश के अपराध के आरोप के अलावा, उस पर दंगा और आगजनी का आरोप लगाया जा सकता है। यह भी देखा गया कि ताहिर न केवल मूकदर्शक था, बल्कि दंगों में भी सक्रिय भाग ले रहा था और गैरकानूनी सभा के अन्य सदस्यों को अन्य समुदायों के लोगों को सबक सिखाने के लिए उकसा रहा था।
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सरकारी वकील की ओर से कोर्ट को बताया गया कि ताहिर हुसैन ने सीएए विरोधी प्रदर्शनों और दंगों को फंडिंग की। वो इस दरमियान कई बार दंगाइयों से मिला और उनको पैसा दिया। सीएए विरोधी प्रदर्शनों की आड़ में दिल्ली को दंगों में झोंकने के लिए ताहिर और उसके साथियों ने जो साजिश रची, उसकी पृष्ठभूमि उसने अपने ही नियंत्रण वाली कंपनियों से फर्जी लेनदेन के जरिये तैयार किए।
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