चंबल ने चंबल में मचाई तबाही, मुरैना और भिण्ड जिले के डेढ़ सौ गांवों में बाढ़ की स्थिति
एनडीआरएफ, सेना और पुलिस की मदद से 30 गांवों में फंसे 3 हजार लोगों को नाव की मदद से सुरक्षित स्थानों तक पहुँचाया गया। जबकि अंबाह-पोरसा क्षेत्र के 20 से अधिक गांवों के लोग ऊंची जगहों पर शरण लिए हुए है। कुछ लोग तो अपना घरों की छत पर हो कई लोग ऊंचे टापूओं और टीलों पर शरण लिए हुए है।
मध्यप्रदेश और राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में तीन दिन से हो रही लगातार बारिश ने चंबल नदि में उफान ला दिया है। जिसके चलते प्रदेश के मंदसौर और नीमच के बाद अब चंबल क्षेत्र के मुरैना, श्योपुर और भिण्ड में बाढ़ के हालात है। दरआसल यह स्थिति चंबल नदी पर बने गांधी सागर बांध के चलते बनी है। मंदसौर-नीमच में तीन दिन से लगातार हो रही तेज बारिश और कोटा बैराज से छोड़े गए पानी के वजह से बने है। जबकि भिण्ड मुरैना क्षेत्र में तीन दिन से बारिश ही नहीं हुई।गांधी सागर बांध से छोड़े गए पानी के कारण चंबल नदि से सटे प्रदेश के इन तीन जिलों के 150 से अधिक गावों में अलर्ट घोषित कर दिया गया है। मुरैना के सबलगढ़, सरायछौला, जौरा, अंबाह-पोरसा क्षेत्र के 100 से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी घुसने से करोड़ों की संपत्ति और फसल बर्बाद हो गई है। वही अंबाह ब्लाक के महुआ, बिजला, पीपरीपुरा और खुड़ा सहित 32 गांवों को मंगलवार को खाली करवा दिया गया।
एनडीआरएफ, सेना और पुलिस की मदद से 30 गांवों में फंसे 3 हजार लोगों को नाव की मदद से सुरक्षित स्थानों तक पहुँचाया गया। जबकि अंबाह-पोरसा क्षेत्र के 20 से अधिक गांवों के लोग ऊंची जगहों पर शरण लिए हुए है। कुछ लोग तो अपना घरों की छत पर हो कई लोग ऊंचे टापूओं और टीलों पर शरण लिए हुए है।कुछ इसी तरह के हालात भिण्ड जिले में भी बने हुए है जहाँ अटेर के 42 गांवों में हाई अलर्ट घोषित किया गया है। यहाँ भी चंबल नदी से सटे गांवों में बाढ़ के हालात बन गए है। जबकि सबसे जायदा नुकशान मुरैना और श्योपुर जिले में हुआ है। केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर सहित मुरैना जिले के विधायकों ने बाढ़ ग्रसित क्षेत्रों का दौरा किया। केन्द्रीय मंत्री इस दौरान मुरैना जिले के रतनबसई गांव पहुँचे। केन्द्रीय मंत्री ने बाढ़ का जायजा लेने के बाद सीएम कमलनाथ को पत्र भी लिखा। जिसमें उन्होनें श्योपुर जिले के 33 गांव और मुरैना जिले के 48 गांव के 10 हजार बाढ़ प्रभावित कृषकों को तत्काल राहत देने की बात कही है।
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तो दूसरी ओर मंदसौर में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बर्बाद हुई फसलों का जायजा लिया और बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरान करने के बाद भोपाल में मीडिया से रूबरू होते हुए प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर बाढ़ पीड़ितों की सहायता न करने का आरोप लगाया। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारी बारिश की बजह से किसान परेशान है फसलें पूरी तरह खराब हो चुकी है, लेकिन कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को कोई सुध ही नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार नहीं चेती तो वह सड़को पर उतरेगें।
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