ग्वार गम के निर्यात में आ रही बाधाओं को दूर करे केंद्र: गहलोत

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[email protected] । Jan 20 2020 7:24PM

अशोक गहलोत के अनुसार, इससे राज्य के ग्वार उत्पादक किसानों की आय घट रही है और उनका रूझान इस फसल के प्रति कम हो रहा है। इसे देखते हुए ग्वार उत्पादक किसानों की आय में बढ़ोतरी तथा ग्वार गम के अन्य उपयोगों के बारे में पर्याप्त शोध एवं अनुसंधान की आवश्यकता है।

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार से राज्य से ग्वार गम के निर्यात में आ रही बाधाओं को दूर करने का अनुरोध किया है। इसके साथ ही उन्होंने ग्वार गम के अनुसंधान, जांच व प्रमाणीकरण के लिए राज्य में राष्ट्रीय स्तर की संस्था का केन्द्र खोलने का अनुरोध किया है। गहलोत ने इस बारे में केन्द्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि राजस्थान ग्वार गम का प्रमुख उत्पादक राज्य है। वर्तमान में औद्योगिक क्षेत्र में ग्वार गम के नए विकल्पों के कारण इसकी अन्तरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें तेजी से गिरी हैं।

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गहलोत के अनुसार, इससे राज्य के ग्वार उत्पादक किसानों की आय घट रही है और उनका रूझान इस फसल के प्रति कम हो रहा है। इसे देखते हुए ग्वार उत्पादक किसानों की आय में बढ़ोतरी तथा ग्वार गम के अन्य उपयोगों के बारे में पर्याप्त शोध एवं अनुसंधान की आवश्यकता है।मुख्यमंत्री ने गोयल से अनुरोध किया कि ग्वार गम के अनुसंधान व विकास के लिए केन्द्र सरकार योजना बनाए। राज्य सरकार ने इस उद्देश्य से जोधपुर में भूमि भी आवंटित कर दी है।मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्वार गम की ट्रेडिंग एनसीडीईएक्स से लिंक होने के कारण इसके व्यापार में अनिश्चितता बनी रहती है। इस कारण ग्वार का उत्पादन करने वाले किसानों को इसका कोई लाभ नहीं मिल पाता है, ऐसे में ग्वार गम रिफाइंड स्प्लीट स्पिलट को एनसीडीईएक्स से बाहर निकालना उचित होगा।

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