केंद्र आपराधिक मामलों में 90 फीसदी दोषसिद्धि दर हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध : अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्रालय आपराधिक मामलों में 90 फीसदी तक दोषसिद्धि दर हासिल करने और देश में नागरिकों के अनुकूल तथा प्रभावी आपराधिक न्याय प्रणाली प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को यह बात कही।
केवडिया (गुजरात)। केंद्रीय गृह मंत्रालय आपराधिक मामलों में 90 फीसदी तक दोषसिद्धि दर हासिल करने और देश में नागरिकों के अनुकूल तथा प्रभावी आपराधिक न्याय प्रणाली प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार देश की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा को अत्यधिक महत्व देती है। उन्होंने कहा कि सरकार अपराध का पता लगाने और रोकथाम के साथ ही प्रभावी तौर से कानून लागू करके जन कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।
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एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, शाह ने यहां ‘फॉरेंसिक साइंस कैपेबिलिटीज: स्ट्रेंथनिंग फॉर टाइम बाउंड एंड साइंटिफिक इन्वेस्टिगेशन’ विषय पर गृह मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय 90 प्रतिशत तक दोषसिद्धि दर हासिल करने और देश में नागरिकों के अनुकूल और प्रभावी आपराधिक न्याय प्रणाली प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। गृह मंत्री ने भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम में प्रस्तावित व्यापक संशोधनों के माध्यम से प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में एक स्वतंत्र अभियोजन निदेशालय और एक स्वतंत्र फोरेंसिक विज्ञान निदेशालय की स्थापना का आह्वान किया।
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उन्होंने कहा कि मोदी सरकार छह साल से अधिक कारावास की सजा वाले सभी मामलों में फोरेंसिक जांच को अनिवार्य बनाने की दिशा में काम कर रही है। शाह ने अपराधियों द्वारा प्रौद्योगिकी के उपयोग के मद्देनजर जांच एजेंसियों को अपराधियों से एक कदम आगे रहने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि केंद्र राज्य सरकारों के साथ मिलकर पुलिस जांच, अभियोजन और फोरेंसिक जांच में सुधार के लिए त्रि-आयामी दृष्टिकोण पर काम कर रहा है।
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