किसानों के आंदोलन को कुचलने की साजिश कर रही हैं केंद्र और हरियाणा सरकार : कांग्रेस

Center

पार्टी के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने एक बयान में कहा, ‘‘भाजपा की केन्द्र, हरियाणा व उत्तर प्रदेश की सरकारें किसानों को न्याय देने के बजाय किसान- मजदूरों के गांधीवादी आंदोलन को दबाने व कुचलने में लगी हैं।

नयी दिल्ली। कांग्रेस ने हरियाणा के करनाल में होने वाली किसान महापंचायत से पहले सोमवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार किसानों के गांधीवादी आंदोलन को कुचलने का षड्यंत्र कर रही हैं। पार्टी के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने एक बयान में कहा, ‘‘भाजपा की केन्द्र, हरियाणा व उत्तर प्रदेश की सरकारें किसानों को न्याय देने के बजाय किसान- मजदूरों के गांधीवादी आंदोलन को दबाने व कुचलने में लगी हैं। तीन कृषि विरोधी काले कानूनों से किसानों की आजीविका पर हमला कर और न्याय मांगते किसानों को दिल्ली न आने की इजाज़त दे मोदी सरकार ने अपना किसान विरोधी चेहरा उजागर कर दिया।’’

इसे भी पढ़ें: क्वाड सदस्यों के बीच कई विषयों पर समान दृष्टिकोण ने सहयोग बढ़ाने में मदद की : जयशंकर

उन्होंने सवाल किया, ‘‘9 महीने से अधिक समय से दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों का क्या कसूर है? 800 से अधिक किसान अब तक इस आंदोलन में अपनी कुर्बानी दे चुके हैं, इसके लिए कौन जिम्मेदार है? किसानों से बातचीत के नाम पर भाजपा के मंत्रियों ने ऐंठन दिखाई, बात मानने से इंकार कर दिया व तीनों काले कानूनों पर पुनर्विचार तक करने से इंकार कर दिया- क्या यह भाजपाई अहंकार की पराकाष्ठा नहीं?’’ वेणुगोपाल ने दावा किया, ‘‘हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार ने करनाल में इंटरनेट बंद करने का आदेश जारी कर दिया व किसानों की महापंचायत रोकने के लिए करनाल में धारा 144 लगा दी।

इसे भी पढ़ें: कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अमन -कानून की व्यवस्था संबंधी हरपाल चीमा के झूठों का पर्दाफाश किया

साफ है कि मोदी- खट्टर सरकारें एक बार फिर भोले-भाले और गांधीवादी किसानों को जानबूझकर हिंसा की आग में झोंकना चाहती हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस की मांग है कि मोदी व खट्टर सरकारें अपनी हठधर्मिता तथा अहंकार त्यागें। करनाल से धारा 144 हटाएं। इंटरनेट सुविधाएं बहाल करें। किसानों को शांतिप्रिय तरीके से महापंचायत करने दें। किसानों को बातचीत के लिए बुलाएं तथा दोषी अधिकारियों व सफेदपोशों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करें। यही भारत के अन्नदाता से न्याय होगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़