धनबाद जज मौत मामलाः आरोपी का होगा नार्को टेस्ट, टेस्ट के लिए ​दिल्ली लेकर पहुंचा CBI

Dhanbad Judge Death Case

एजेंसी ने दो बार दुर्घटना के दृश्य को ‘री-क्रीएट’ (उसे दोहराया) किया और केन्द्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के विशेषज्ञों ने मौके से साक्ष्य एकत्र किए।सीबीआई ने धनबाद के सदर थाना क्षेत्र के रणधीर वर्मा चौक पर हिट-एंड-रन मामले में जज की मौत के संबंध में महत्वपूर्ण सूचना देने वाले को पांच लाख रुपये इनाम देने की रविवार को घोषणा की

धनबाद (झारखंड)। धनबाद के जिला और सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत के मामले की जांच कर रही सीबीआई दो आरोपियों को नार्को जांच के लिए सोमवार को दिल्ली ले गई। झारखंड पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। नार्कों जांच में व्यक्ति को हिप्नोटिक या बेहोशी वाली दवा का इंजेक्शन दिया जाता है, जिससे उसकी कल्पनाशक्ति प्रभावित होती है और उस दौरान उसके सच बोलने की उम्मीद की जाती है। मामले के दो आरोपियों, ऑटो रिक्शा चालक लखन वर्मा और उसके साथी राहुल वर्मा को हावड़ा-नयी दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस से दिल्ली ले जाया गया है।

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पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘चार अगस्त से मामले की जांच संभालने के बाद सीबीआई ने आरोपी से पूछताछ की सभी तरकीब का उपयोग कर लिया है और सिर्फ नार्को जांच ही बचा हुआ है। उच्च न्यायालय ने दोनों के नार्को जांच की अनुमति दे दी है।’’ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने इस मामले मेंइन दोनों की फॉरेंसिक साइकोलॉजी जांच भी की है और उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया है। एजेंसी ने दो बार दुर्घटना के दृश्य को ‘री-क्रीएट’ (उसे दोहराया) किया और केन्द्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के विशेषज्ञों ने मौके से साक्ष्य एकत्र किए। सीबीआई ने धनबाद के सदर थाना क्षेत्र के रणधीर वर्मा चौक पर हिट-एंड-रन मामले में जज की मौत के संबंध में ‘‘महत्वपूर्ण सूचना’’ देने वाले को पांच लाख रुपये इनाम देने की रविवार को घोषणा की।

सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, 28 जुलाई की सुबह जज रणधीर वर्मा चौक पर चौड़ी सड़क पर टहल रहे थे, तभी एक ऑटो रिक्शा उनकी तरफ आया और उन्हें टक्कर मारकर वहां से फरार हो गया। स्थानीय लोग न्यायाधीश को तुरंत अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 31 जुलाई को मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया था। इससे पहले झारखंड पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) इसकी जांच कर रह थी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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