69000 शिक्षक भर्ती के मामले में केशव मौर्य के घर पर अभ्यर्थियों का जबरदस्त प्रदर्शन

Keshav Prasad Maurya
ANI
अजय कुमार । Sep 2 2024 6:31PM

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 69000 शिक्षक भर्ती के मामले में तैयार की गई मेरिट लिस्ट को रद्द कर दिया था। इस निर्णय के खिलाफ चयनित अभ्यर्थी रवि सक्सेना ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती को लेकर अभ्यर्थियों का आक्रोश चरम पर है। लखनऊ में, हजारों की संख्या में शिक्षक अभ्यर्थी उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। इन अभ्यर्थियों ने यूपी 69000 शिक्षक भर्ती मामले को लेकर नारेबाजी की और "योगी जी न्याय करो, केशव चाचा न्याय करो" के आह्वान के साथ अपनी मांगें उठाईं। इस विरोध प्रदर्शन के कारण पुलिस बल भी मौके पर तैनात है। प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है और इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए लाठीचार्ज भी किया है।

अभ्यर्थियों का मुख्य आरोप है कि सरकार इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर रही। 13 अगस्त को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने 69000 शिक्षक भर्ती की पूरी सूची को रद्द कर दिया था और बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 और आरक्षण नियमावली 1994 का पालन करते हुए तीन महीने के अंदर एक नई मूल चयन सूची तैयार करने का आदेश दिया था। इस आदेश के बाद से, सरकारी प्रक्रिया की धीमी गति और लापरवाही को लेकर अभ्यर्थियों में असंतोष बढ़ गया है।

इसे भी पढ़ें: अगले दो साल में उत्तर प्रदेश पुलिस में एक लाख नौजवानों की होगी भर्ती : Yogi Adityanath

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 69000 शिक्षक भर्ती के मामले में तैयार की गई मेरिट लिस्ट को रद्द कर दिया था। इस निर्णय के खिलाफ चयनित अभ्यर्थी रवि सक्सेना ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के सिंगल जज के आदेश पर विचार करते हुए कहा है कि यदि सरकार मूल चयन सूची तैयार करती है, तो 19000 गलत तरीके से चयनित शिक्षक इस भर्ती सूची से बाहर हो जाएंगे। भास्कर सिंह और सुशील कश्यप, जो इस मामले में विशेष अपील 172/2023 के मुख्य पैरवीकार हैं, ने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर इस मामले को सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचाने में हीलाहवाली कर रही है।

शिक्षक भर्ती के संदर्भ में, ओबीसी वर्ग को 27% और एससी वर्ग को 21% आरक्षण का दावा किया गया था। हालांकि, ओबीसी वर्ग को 27% की जगह केवल 16.2% आरक्षण प्राप्त हुआ है, जबकि एससी वर्ग को 3.86% आरक्षण ही मिला है। अभ्यर्थियों का कहना है कि बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 और आरक्षण नियमावली 1994 का घोर उल्लंघन किया गया है। आरोप लगाया जा रहा है कि इस भर्ती में 19000 सीटों पर आरक्षण का घोटाला हुआ है और कई योग्य अभ्यर्थियों को सूची में शामिल नहीं किया गया।

इस विवाद की जड़ें उत्तर प्रदेश की पिछली सरकारों के फैसलों में भी छुपी हैं। अखिलेश यादव की सरकार के दौरान, 1 लाख 37 हजार शिक्षामित्रों को सहायक शिक्षक के पद पर समायोजित किया गया था। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा और समायोजन को रद्द कर दिया गया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को 1 लाख 37 हजार पदों पर भर्ती का आदेश दिया। योगी सरकार ने एक साथ इतने पद भरने में असमर्थता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट से दो चरणों में भर्ती करने का अनुरोध किया, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने मान लिया।

पहले चरण में, 2018 में 68500 पदों के लिए वैकेंसी जारी की गई और दूसरे चरण में 69000 सहायक शिक्षक पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई। 6 जनवरी 2019 को आयोजित इस परीक्षा में अनारक्षित की कटऑफ 67.11% और ओबीसी की कटऑफ 66.73% थी। इस भर्ती के तहत करीब 68 हजार लोगों को नौकरी मिली, लेकिन इसी के साथ ही आरक्षण नियमों को लेकर सवाल उठने लगे।

अभ्यर्थियों का आरोप है कि 69000 शिक्षक भर्ती में ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण के बजाय केवल 3.86% आरक्षण मिला है। इसके अतिरिक्त, सरकार ने ऐसे अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी है जिनके अंक अनारक्षित श्रेणी के कटऑफ से अधिक थे, लेकिन वे ओबीसी कोटे से बाहर हो गए। इस कारण, OBC वर्ग को 18598 सीटों में से सिर्फ 2637 सीटें मिलीं। इसी तरह, एससी वर्ग को 21% आरक्षण के मुकाबले केवल 16.6% आरक्षण प्राप्त हुआ है। अभ्यर्थियों का दावा है कि इस भर्ती में लगभग 19 हजार सीटों पर घोटाले की आशंका है।

इस मुद्दे को लेकर, अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट और राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग में शिकायत की है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। उनका कहना है कि उन्होंने मंत्री, विधायक, सांसद और अन्य नेताओं से न्याय की गुहार लगाई है, लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ। यह स्थिति चिंताजनक है क्योंकि हजारों अभ्यर्थी न्याय की प्रतीक्षा में सड़क पर हैं और उनकी समस्याओं का समाधान करने में सरकार की नाकामी को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़