कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पुलिस हिरासत में महिला को ‘यातना’दिए जाने की सीबीआई जांच के आदेश दिए

Calcutta High Court
ANI

न्यायमूर्ति भारद्वाज ने राज्य सरकार को याचिकाकर्ताओं द्वारा लगाए गए आरोपों के विरोध में चार सप्ताह के भीतर हलफनामा दायर करने और याचिकाकर्ताओं द्वारा एक सप्ताह के भीतर इसका जवाब देने का निर्देश दिया।

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में चिकित्सक के साथ कथित बलात्कार और हत्या के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार की गई महिला को हिरासत में कथित तौर पर प्रताड़ित करने के मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया।

अदालत ने कहा कि दो याचिकाकर्ताओं (दोनों महिलाएं) ने हिरासत के दौरान पुलिस द्वारा शारीरिक यातना का आरोप लगाया है, जबकि जेल अधिकारी की रिपोर्ट में उनमें से एक पर इस तरह के कृत्य की पुष्टि हुई है।

न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वह आठ सितंबर से 11 सितंबर तक पुलिस हिरासत के दौरान उनमें से एक को दी गई कथित शारीरिक यातना की गहन जांच करे।

अदालत ने कहा, ‘‘मामले को सीबीआई को सौंपने का निर्णय हिरासत में यातना के गंभीर आरोपों की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच की आवश्यकता पर आधारित है।’’ दोनों याचिकाकर्ताओं ने कहा कि उन्होंने नौ अगस्त को आरजी कर अस्पताल में एक चिकित्सक के साथ हुए कथित बलात्कार और हत्या के मामले में न्याय की मांग को लेकर कई शांतिपूर्ण रैलियों में भाग लिया था।

आदेश पारित करते हुए न्यायमूर्ति भारद्वाज ने राज्य सरकार को याचिकाकर्ताओं द्वारा लगाए गए आरोपों के विरोध में चार सप्ताह के भीतर हलफनामा दायर करने और याचिकाकर्ताओं द्वारा एक सप्ताह के भीतर इसका जवाब देने का निर्देश दिया। अदालत ने सीबीआई के जांच अधिकारी को 15 नवंबर तक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 18 नवंबर के लिए सूचीबद्ध की।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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