मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार पर दिल्ली में दो दिनों से जारी माथापच्ची
वही अगर मंगलवार 30 जून को मंत्रिमंडल शपथ नहीं लेता तो यह अगले महिने 01 जुलाई को होनें की संभावना व्यक्त की जा रही है। संभवतः यह माना जा रहा है कि शिवराज सिंह चौहान ने अपनी कैबिनेट में शामिल होने वाले मंत्रियों को लेकर केन्द्रीय नेतृत्व से चर्चा पूर्ण कर ली है। लेकिन रविवार अचानक प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा भी भोपाल से दिल्ली रवाना हो गए।
भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिरने के बाद 20 मार्च 2020 को एक बार फिर सत्ता में आई बीजेपी सरकार के मुख्यमंत्री के रूप में 23 मार्च को शपथ लेने वाले शिवराज सिंह चौहान ने 29 दिन बाद अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया था। जिसमें डॉ. नरोत्तम मिश्रा, कमल पटेल, सुश्री मीना सिहं सहित सिंधिया समर्थक तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को कैबिनेट में जगह दी गई थी। वही पाँच मंत्रीयों के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी सरकार चला रहे है। वही इस दौरान मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएँ लगातार जारी रही। जिस पर विराम लगाते हुए मुख्यमंत्री ने 24 जून को मंत्रिमंडल विस्तार जल्द ही करने की बात कही थी और केन्द्रीय नेतृत्व पर इसका फैसला करने की बात उन्होनें कही थी।
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वही रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत के साथ दिल्ली रवाना हो गए। जहाँ उन्होनें देर रात तक केन्द्रीय नेतृत्व से मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चा की। सबसे पहले ये सभी नेता रात 8 बजे केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के घर उनसे मिलने पहुंचे। इसके बाद करीब रात 10 बजे ये नेता राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिले। वही रात करीब साढ़े दस बजे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलने उनके घर पहुंचे। जिसके कुछ ही देर बाद भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री भी शाह के घर पहुंचे। रात करीब 12.30 बजे तक सभी नेताओं के बीच चर्चा चलती रही। वही सोमवार सुबह 11 बजे एक बार फिर ये नेता शाह से चर्चा के लिए पहुंचे। इसके बाद मुख्यमंत्री चौहान ने ज्योतिरादित्य सिंधिया से उनके निवास पर मुलाकात की। जहाँ चर्चा के बाद सिंधिया ने मुख्यमंत्री को कोरोना राहत कार्य के लिए 30 लाख रूपए का चैक भेंट किया।
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वही रविवार रात शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा के बीच राष्ट्रपति भवन से मध्य प्रदेश के राज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को सौंपा दिया गया। पिछले 11 जून को मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन को हालत गंभीर हो जाने के बाद उन्हें लखनऊ के एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया गया था, जहाँ उनका इलाज लगातार जारी है। जबकि मंत्रिमंडल विस्तार होने कि स्थिति में मंत्रीयों को शपथ के लिए राज्यपाल लालजी टंडन के उपस्थित न हो पाने के चलते उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। जिन्हे सोमवार को भोपाल पहुँचकर मध्य प्रदेश के राज्यपाल के रूप में शपथ लेनी थी लेकिन किन्हीं कारणों से वह नहीं पहुँच पाई। वही मंगलवार को उनका भोपाल पहुँचने का कार्यक्रम बताया जा रहा है। जबकि मंगलवार को भी मंत्रिमंडल विस्तार भी होने की चर्चा जोरों पर है। इस दौराना पहले राज्यपाल आनंदी बेन पटेल शपथ लेगी और फिर बाद में वह शिवराज कैबिनेट में शामिल होने वाले मंत्रियों को शपथ दिलाएगी।
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लेकिन इस बीच 30 जून को होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अभी भी आसमंजस्य का महौल बना हुआ है। क्योंकि 24 जून को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रिमंडल विस्तार होने का बयान देने के बाद से लगातर ये माना जा रहा था कि एक दो दिन में नई कैबिनेट शपथ लेगी लेकिन यह 30 जून पर आकर अटक गया। वही अगर मंगलवार 30 जून को मंत्रिमंडल शपथ नहीं लेता तो यह अगले महिने 01 जुलाई को होनें की संभावना व्यक्त की जा रही है। संभवतः यह माना जा रहा है कि शिवराज सिंह चौहान ने अपनी कैबिनेट में शामिल होने वाले मंत्रियों को लेकर केन्द्रीय नेतृत्व से चर्चा पूर्ण कर ली है। लेकिन रविवार अचानक प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा भी भोपाल से दिल्ली रवाना हो गए। जिसके बाद प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर सुगबुगाहट शुरू हो गई है।
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शिवराज मंत्रीमंडल में मुख्यमंत्री को मिलाकर अभी 6 मंत्री शामिल है बताया जा रहा है कि 21 से 22 मंत्री कैबिनेट बिस्तार में और शपथ ले सकते है। जिसमें सिंधिया समर्थक पूर्व मंत्रियों के अलावा कांग्रेस से बागी कुछ पूर्व विधायक और बीजेपी सरकार में पूर्व मंत्री रहे चेहरों के अलावा कुछ युवा चेहरों को भी मंत्रीमंडल में स्थान मिल सकता है। भाजपा के राजनीतिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सिंधिया समर्थको के अलावा मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के करीब और प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा के करीबीयों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा ताकि सत्ता और संगठन में सामंजस्य बना रहे।
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