नीरव मोदी, माल्या और खालिस्तानी चरमपंथियों को लेकर पूछे गए सवाल पर ब्रिटिश PM ने दिया यह जवाब
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि प्रत्यर्पण के मामलों में कानूनी प्रक्रियाएं हैं जिसने इसे बहुत मुश्किल बना दिया है। यूके सरकार ने उनके प्रत्यर्पण का आदेश दिया है... हम उन लोगों का स्वागत नहीं करते हैं जो भारत में कानून से बचने के लिए हमारी कानूनी प्रणाली का उपयोग करना चाहते हैं।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन दो दिन की भारत यात्रा पर हैं। दौरे के पहले दिन वह गुजरात के गांधीनगर में थे। इसके बात वे नई दिल्ली पहुंचे। नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उन्होंने द्विपक्षीय वार्ता की। दोनों देशों के बीच कई महत्वपूर्ण समझौते भी हुए हैं। इन सबके बीच नीरव मोदी, विजय माल्या और खालिस्तानी चरमपंथियों से जुड़े एक सवाल के जवाब में बोरिस जॉनसन ने कहा कि हमारा बहुत मजबूत दृष्टिकोण है कि हम भारत को धमकी देने या अन्य देशों को धमकी देने वाले चरमपंथी समूहों को बर्दाश्त नहीं करते हैं। हमने भारत की मदद के लिए एक चरमपंथी विरोधी कार्यबल का गठन किया है।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि प्रत्यर्पण के मामलों में कानूनी प्रक्रियाएं हैं जिसने इसे बहुत मुश्किल बना दिया है। यूके सरकार ने उनके प्रत्यर्पण का आदेश दिया है... हम उन लोगों का स्वागत नहीं करते हैं जो भारत में कानून से बचने के लिए हमारी कानूनी प्रणाली का उपयोग करना चाहते हैं। बोरिस जॉनसन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मैंने अपने वार्ताकारों से दिवाली तक मुक्त व्यापार समझौते की वार्ता को पूरा करने के लिए कहा है। यूक्रेन पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि पुतिन यूक्रेन के लोगों के जज्बे पर जीत हासिल नहीं कर पाएंगे।On being asked about Nirav Modi, Vijay Mallya & Khalistani extremists, British PM Boris Johnson: We've a very strong view that we don't tolerate extremist groups threatening other countries, threatening India. We've set up an anti-extremist task force... to help India. (1/2) pic.twitter.com/aVoUmi9rMI
— ANI (@ANI) April 22, 2022
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बोरिस जॉनसन ने कहा कि जिस तरह से सिर्फ यूक्रेन में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में स्थिति बन रही है वो ब्रिटेन और भारत को और अधिक मिलकर काम करने के लिए बाध्य कर रही है। रूस को लेकर भारत की स्थिति सर्वविदित है। यह बदलने वाला नहीं है। आपको बता दें कि द्विपक्षीय वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने एफटीए वार्ता पर चर्चा की। दोनों पक्ष ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन, व्यापार, रक्षा पर निगम के लिए सहमत हुए हैं।
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