सैकड़ों-हजारों अन्य लोगों के बारे में कोई विचार नहीं किया...बॉम्बे HC ने एमबीए/एमएमएस प्रवेश प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिका की खारिज
अदालत ने कहा कि हमारे सामने केवल 154 छात्र आये। उनका कहना है कि पूरी CET परीक्षा दोबारा होनी चाहिए. प्रवेश परीक्षा देने वाले सैकड़ों-हजारों अन्य लोगों के बारे में कोई विचार नहीं किया गया।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को 150 से अधिक छात्रों की उस याचिका को बिना तथ्य के'खारिज कर दिया, जिन्होंने एमबीए/एमएमएस कॉलेजों में प्रवेश पाने के इच्छुक कुछ छात्रों के लिए दोबारा परीक्षा आयोजित करने के बाद राज्य कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीईटी) सेल द्वारा अपनाई गई अंकों की सामान्यीकरण प्रक्रिया पर आपत्ति जताई थी। हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई पूरी कर ली। पीठ ने कहा कि लगभग 1 लाख छात्र हैं, जिनमें से लगभग 150 ने शैक्षणिक वर्ष 2023-24 के लिए प्रवेश परीक्षा और प्रवेश प्रक्रिया को रद्द करने और पुन: परीक्षा आयोजित करने की मांग करते हुए याचिका दायर की है।
इसे भी पढ़ें: NCP में टूट पर बोले उमर अब्दुल्ला, शरद पवार और मजबूत होंगे, 370 पर कहा- हमें कोर्ट ने राहत की उम्मीद
अदालत ने कहा कि हमारे सामने केवल 154 छात्र आये। उनका कहना है कि पूरी CET परीक्षा दोबारा होनी चाहिए। प्रवेश परीक्षा देने वाले सैकड़ों-हजारों अन्य लोगों के बारे में कोई विचार नहीं किया गया। याचिकाकर्ता सभी उम्मीदवारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं, फिर भी हमसे उम्मीद की जाती है कि वे सभी व्यक्ति वर्तमान असंतुष्ट व्यक्तियों के कहने पर दूसरों को सुनने का मामूली अवसर दिए बिना पीड़ित होंगे।
इसे भी पढ़ें: Places Of Worship Act 1991: सुब्रमण्यम स्वामी ने कोर्ट में कहा- केंद्र प्रत्येक सुनवाई पर स्थगन मांग रहा है, SC ने मोदी सरकार से मांगा 31 अक्टूबर तक जवाब
पीठ ने कहा कि यह वास्तव में बता रहा है कि संरचनात्मक विफलताओं या विसंगतियों की ये सभी शिकायतें परिणाम घोषित होने के बाद ही सामने आती हैं। हम याचिका में कोई तथ्य देखने में पूरी तरह असमर्थ हैं। हम तथ्यों और सार के आधार पर इसे अस्वीकार करते हैं। चूँकि याचिकाकर्ता छात्र हैं, हम लागत लगाने का आदेश देने से बचते हैं।
अन्य न्यूज़