भाजपा का राहुल पर तंज, जब विनाश निकट होता है तो विवेक काम करना बंद कर देता है
कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यसमिति की आज हुई बैठक से निकली एक खबर दिन भर सुर्खियों में रही। दरअसल, सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले नेताओं पर ‘भाजपा के साथ साठगांठ’ करने के आरोप से जुड़ी राहुल गांधी की एक कथित टिप्पणी को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया था।
पार्टी महासचिव भूपेंद्र यादव ने ट्वीट कर कहा, ‘‘राहुल गांधी के दिलों दिमाग में भाजपा इस कदर घर कर गई है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी उन्हें अब भाजपा के साथ साठगांठ करते नजर आने लगे हैं। किसी ने सही कहा है कि जब किसी का विनाश निकट होता है तो उसका विवेक काम करना बंद कर देता है।’’ कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यसमिति की आज हुई बैठक से निकली एक खबर दिन भर सुर्खियों में रही। दरअसल, सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले नेताओं पर ‘भाजपा के साथ साठगांठ’ करने के आरोप से जुड़ी राहुल गांधी की एक कथित टिप्पणी को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया था। वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने राहुल की कथित टिप्पणी को लेकर मोर्चा खोल दिया। हालांकि बाद में पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला की ओर से कहा गया कि राहुल गांधी ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया। दशकों तक कांग्रेस में रहने के बाद पिछले साल भाजपा में शामिल होने वाले टॉम वडक्कन ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की अंदरूनी राजनीति उनकी गलतियों का परिणाम है। कभी सोनिया गांधी के बेहद करीबी रहे बडक्कन ने कहा, ‘‘शीशा टूट चुका है। जब यह टूट जाता है तो फिर इसे जोड़ने का कोई रास्ता नहीं होता। आपको इसे फेंकना ही होता है।’’So obsessed is Rahul Gandhi with the BJP that he is beginning to see Congress’s veteran leaders as those working in ‘collusion’ with BJP. Someone rightly said when one’s destruction is near, one stops using his own mind.
— Bhupender Yadav (@byadavbjp) August 24, 2020
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उन्होंने कहा कि पत्र लिखने वाले नेताओं में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा और गुलाम नबी आजाद जैसे वरिष्ठ नेता हैं और कांग्रेस के प्रति उनकी प्रतिबद्धता राहुल गांधी से कहीं ज्यादा है। वडक्कन ने कहा, ‘‘वे पार्टी में जन्में नहीं हैं बल्कि पार्टी के लिए उन्होंने जीया है। उन लोगों ने महज एक सुझाव दिया है कि गलतियों को सुधारा जाए और एक हमेशा उपलब्ध रहने वाले एक नेता का स्वतंत्र और निष्पक्ष चयन हो। ’’ भाजपा नेता ने दावा किया कि कांग्रेस नेताओं द्वारा राहुल गांधी के कथित बयान का खंडन करना बाद में उठाया गया कदम है। उन्होंने कहा, ‘‘वह (राहुल) मानते हैं कि यदि आप उनके साथ नहीं हैं तो आप भाजपा के साथ है, तृणमूल कांग्रेस या अन्य पार्टी भी नहीं।’’ सीडब्ल्यूसी की बैठक से एक दिन पहले रविवार को पार्टी में उस वक्त नया सियासी तूफान आ गया था जब पूर्णकालिक एवं जमीनी स्तर पर सक्रिय अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग को लेकर सोनिया गांधी को 23 वरिष्ठ नेताओं की ओर से पत्र लिखे जाने की जानकारी सामने आई।
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