पंजाबी बहुल Sonipat की सीट पर भाजपा ने खेला दांव, अपने उम्मीदवार Surendra Panwar के जेल में होने से सहानुभूति के सहारे कांग्रेस
सोनीपत सीट पर भारतीय जनता पार्टी जहां कांग्रेस का किला ढहाने की जुगत में है। तो वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस अपने दुर्ग को अभेद्य रखना चाहती है। यहां के बड़े मुद्दों में जलभराव के साथ ही जाम की समस्या और मेट्रो प्रोजेक्ट शुमार हैं। वर्ष 2009 से पहले इस क्षेत्र से ज्यादातर बार पंजाबी ही विधायक बने हैं।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में पंजाबी बहुल सोनीपत सीट पर भारतीय जनता पार्टी जहां कांग्रेस का किला ढहाने की जुगत में है। तो वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस अपने दुर्ग को अभेद्य रखना चाहती है। यहां के बड़े मुद्दों में जलभराव के साथ ही जाम की समस्या और मेट्रो प्रोजेक्ट शुमार हैं। वर्ष 2009 से पहले इस क्षेत्र से ज्यादातर बार पंजाबी ही विधायक बने हैं। हालांकि, 15 वर्षों से यह सीट पंजाबियों से खिसक गई है। भाजपा ने इस बार सोनीपत में शहरी सीट पर पंजाबी कार्ड खेला है। वर्ष 2020 में हुए सोनीपत नगर निगम के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर मेयर बने निखिल मदान भाजपा की टिकट पर मैदान में उतरे हैं। कांग्रेस ने निवर्तमान विधायक सुरेंद्र पंवार को ही मैदान में उतारा है।
विधायक सुरेंद्र पंवार फिलहाल ईडी की तरफ से दर्ज एक मुकदमे में अंबाला जेल में हैं। जिसके कारण वह जेल से ही मैदान थामे हुए हैं। कांग्रेस को उन्हें वोटर की सहानुभूति मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा आम आदमी पार्टी से देवेंद्र गौतम चुनावी रण में हैं। तो साथ ही जजपा-आजाद समाज पार्टी गठबंधन से राजेश व इनेलो-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी सरधर्म सिंह भी जनता के बीच पहुंचकर अपने-अपने तर्क दे रहे हैं। पंजाबी समुदाय के वोट पर कांग्रेस व भाजपा के साथ ही अन्य दल यहां आस लगाए हैं।
सोनीपत की विधानसभा सीट वर्ष 1967 में बनी थी। जिसपर अब तक 13 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। वर्ष 2019 को छोड़कर हर बार सोनीपत से विजेता या दूसरे नंबर पर पंजाबी समुदाय का प्रत्याशी ही रहा है। पंजाबी मतदाताओं की संख्या यहाँ 30 फीसदी से अधिक है। वहीं सोनीपत के लाइनपार का क्षेत्र अब जाट बहुल बनता जा रहा है। प्रत्याशी जाट समुदाय के रुख पर भी आस लगाए बैठे हैं। सियासत के मामले में रिकॉर्ड कहता है कि सोनीपत लोकसभा या विधानसभा क्षेत्र में आमतौर पर हवा के विपरीत ही चलता है।
इस विधानसभा में 2 अगस्त तक की चुनाव आयोग द्वारा जारी मतदाता सूची के अनुसार, कुल मतदाताओं की संख्या 2,46,394 है। जिसमें से सबसे अधिक लगभग 30 फीसदी मतदाता पंजाबी समुदाय से आते हैं। दूसरे नंबर पर करीब 10 फीसदी जाट समुदाय के मतदाता हैं। तीसरे नंबर पर करीब 9 फीसदी महाजन समुदाय के हैं। इन सबके बाद मतदाताओं की संख्या के अनुसार ब्राह्मण, अनुसूचित जाति व जनजाति, सैनी, मुस्लिम समुदाय का नंबर आता है। निवर्तमान विधायक सुरेंद्र पंवार की गैरमौजूदगी में उनके प्रचार का बीड़ा उनकी पुत्रवधू समीक्षा पंवार ने उठाया है साथ ही बेटे ललित पंवार भी प्रचार में लगे हैं। वहीं कांग्रेसी निगम पार्षद भी उनके प्रचार को धार देने का प्रयास कर रहे हैं।
अन्य न्यूज़