देशभर में कांग्रेस का घेराव, मोदी-राहुल के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के नोटिस
राफेल मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से भाजपा ने देशभर में कांग्रेस का घेराव किया और आरोप लगाए कि कांग्रेस देशवासियों को गुमराह कर रही है।
नयी दिल्ली। भाजपा के मंत्रियों और नेताओं ने सोमवार को देशभर में विभिन्न स्थानों पर कांग्रेस पर राफेल मुद्दे पर ‘दुस्साहस’ के साथ झूठ बोलने का आरोप लगाया, वहीं कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार के खिलाफ इस मामले में, उच्चतम न्यायालय में झूठा हलफनामा देने का आरोप लगाते हुए संसद के दोनों सदनों में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव का नोटिस दिया। इसके बाद लोकसभा में भाजपा के तीन सदस्यों ने भी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव का नोटिस दिया।
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर लखनऊ में थे। उन्होंने आरोप लगाया कि देश की सुरक्षा के साथ खेल रहे लोगों के इशारे पर चलकर कांग्रेस पाप कर रही है, वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुवाहाटी में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राफेल सौदे पर ‘झूठे’ आरोपों के लिए कांग्रेस पार्टी और उसके अध्यक्ष को माफी मांगनी चाहिए। इस मुद्दे को लेकर सत्तारूढ़ पार्टी ने एक ही दिन में देश भर में 70 जगहों पर संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया था। पुणे में भाजपा सांसद पूनम महाजन ने आरोप लगाया कि कांग्रेस बोफोर्स घोटाले से अपने दाग मिटाने के लिए झूठे आरोप लगा रही है।
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मुंबई में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने जानबूझकर इस मामले में लोगों को गुमराह किया। उन्होंने आरोप लगाया कि गांधी परिवार उच्चतम न्यायालय के फैसले को भी नहीं सुन रहा। कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने कोलकाता में इस तरह के आरोप लगाये। चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कांग्रेस से माफी मांगने को कहा तो बेंगलुरु में भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने गांधी पर राफेल सौदे पर ‘तीन झूठ’ बोलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष को 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में पार्टी के पूर्व सांसद सज्जन कुमार को दोषी ठहराये जाने पर अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर इस्तीफा दे देना चाहिए।
Defence Minister: A politically divided JPC is looking into a matter already looked into by the SC. A Bofors JPC ended up converting kickbacks into winding up charges. So to ask for JPC is for Congress' political grandstanding rather than genuinely knowing, post court's verdict. pic.twitter.com/hosBxlug91
— ANI (@ANI) December 17, 2018
उधर कांग्रेस ने सोमवार को संसद के दोनों सदनों में राफेल मुद्दे पर केंद्र सरकार के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव का नोटिस देकर इस बारे में जवाब देने की मांग की है कि सरकार ने उच्चतम न्यायालय में राफेल सौदे पर ‘गलत’ जानकारी क्यों दी। दूसरी तरफ इस मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर हमले तेज कर दिेये हैं और लोकसभा में भाजपा सदस्यों अनुराग ठाकुर, निशिकांत दुबे और संजय जायसवाल ने कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव का नोटिस दिया। उन्होंने कहा कि गांधी ने जुलाई में एक चर्चा के दौरान अपने भाषण में राफेल विमान सौदे पर झूठ बोला और सदन को गुमराह किया।
Defence Minister Nirmala Sitharaman: We've given the price to the CAG, in a Parliamentary system the CAG looks into it and then its report goes to PAC. The PAC will have a look at it and then it'll become a public document. It is a process and it has commenced. #RafaleVerdict pic.twitter.com/B8kMsdnjey
— ANI (@ANI) December 17, 2018
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उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को राफेल सौदे में अनियमितताओं के आरोप वाली याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा था कि फैसला लेने की प्रक्रिया पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है। शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में विमान सौदे पर कैग की रिपोर्ट का जिक्र किया था। उसने कहा कि कैग रिपोर्ट की पड़ताल संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) ने की थी। लेकिन कांग्रेस ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार ने फ्रांस से विमान सौदे को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान अदालत में गलत तथ्य पेश किये।
शनिवार को केंद्र ने शीर्ष अदालत से फैसले में सुधार की मांग करते हुए कहा कि उसके नोट को गलत तरह से लिये जाने से सार्वजनिक रूप से विवाद हुआ। केंद्र ने साफ किया कि उसने यह नहीं कहा कि कैग रिपोर्ट की पड़ताल पीएसी ने की या संशोधित अंश संसद के समक्ष रखा गया। सरकार ने साफ किया कि नोट में कहा गया था कि सरकार ने मूल्य का विवरण पहले ही कैग के साथ साझा कर दिया है, जो भूतकाल में लिखा था और तथ्यात्मक रूप से गलत है।
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